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Sunday 31 August 2014 12:26:30 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं की माप और लंबाई के परिप्रेक्ष्य में पंजीकरण, जांच और प्रमाणीकरण का अधिकार राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को देने का फैसला किया है। पोत परिवहन मंत्रालय ने मर्चेंट शिपिंग एक्ट 1958 के तहत इस संबंध में गजट में अधिसूचना दिनांक 20.08.2014 को जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं के पंजीकरण, जांच और प्रमाणीकरण का अधिकार संबंधित राज्यों के मतस्य उद्योग मंत्रालय के प्रभारी सचिवों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में ये प्रशासकों को होगा।
मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाएं अब बंदरगाहों या गजट में अधिसूचित स्थानों पर पंजीकृत कराई जा सकती हैं। राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेशों के ऐसे अधिकारी मछली पकड़ने की भारतीय नौकाओं के रजिस्ट्रार होंगे, जिनका उल्लेख अधिसूचना में किया गया है। अधिकृत रूप से दी गई जानकारी के अनुसार 7 और 8 जनवरी 2013 को मुंबई में हुई मेरीटाइम स्टेट्स डेवलपमेंट काउंसिल की 14वीं बैठक में तालमेल के आधार पर इन कार्यों के विकेंद्रीकरण का फैसला किया गया। इससे राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के तटवर्ती प्रशासन को बल मिलेगा, मछुआरों को भी इससे काफी सुविधा होगी, उनका कारोबार पहले से आसान होगा तथा स्थानीय स्तर पर ये सुविधा उपलब्ध होने से उनके समय और धन की बचत होगी।
इससे पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केवल 20 मीटर से कम लंबाई वाली नौकाओं के पंजीकरण का ही अधिकार था। बीस मीटर से ज्यादा लंबाई वाली नौकाओं को पोत परिवहन महानिदेशालय के अंतर्गत मर्केंटाइल मरीन विभाग से पंजीकरण करना होता था। अब सभी लंबाई की नौकाएं संबंधित राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से पंजीकृत कराई जा सकती हैं। पोत परिवहन महानिदेशक ने तटवर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के लिए इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।