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Tuesday 2 September 2014 03:14:31 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) का शुभारंभ किया था, जो देश में लगभग साढ़े सात करोड़ बैंक सुविधा रहित परिवारों में बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने से संबंधित वित्तीय समावेश पर एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बैंकों से साढ़े सात करोड़ बैंक खाते खोलने का लक्ष्य 14 अगस्त 2015 की जगह 26 जनवरी 2015 तक पूरा करने की अपील की थी। ऐसी कोई आशंका कि यह योजना बैंकों पर वित्तीय बोझ डाल सकती है, सरकार ने इसे पूरी तरह निराधार बताया है, क्योंकि पीएमजेडीवाई बैंकों के लिए उनका व्यवसाय बढ़ाने का यह एक युक्तिसंगत आधार मुहैया कराती है। इस योजना में अंतर्निहित पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं जो इस प्रकार हैं-
कुछ बैंकों के अनुभवों पर गौर किया गया था और पाया गया था कि ऐसे खातों से कासा जमाओं के कारण वित्तीय समावेश बैंकों के लिए उनका व्यवसाय बढ़ाने का एक युक्तिसंगत आधार मुहैया कराता है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करती है, जो शीघ्र ही शुरू की जाएंगी। इससे संचालन में बेहतरी आएगी और राजस्व ह्रास पर अंकुश लगेगा। सिद्धांत रूप से डीबीटी योजना के लिए अदा किए जाने वाले दो प्रतिशत कमीशन की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। वर्तमान में आकस्मिक बीमा योजना रूपे डेबिट कार्ड का एक हिस्सा है। नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) कार्ड के लेन-देन से स़ृजित राजस्व से प्रीमियम की अदायगी करती है। इससे बैंकों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
जीवन बीमा कवर के लिए दिशा-निर्देश जल्दी ही जारी किए जाएंगे। बैंकों पर इस वजह से कोई बोझ नहीं पड़ेगा। छह महीनों तक खाते के सफल संचालन के बाद पांच हजार रुपए की ओवरड्राफ्ट सीमा की सुविधा दी जाएगी। वैसे, बैंकों ने पहले ही 35 लाख मूलभूत बचत बैंक जमा खाताओं में ऐसी सीमा दे रखी है और बैंकों का अनुभव अच्छा रहा है। इसके अतिरिक्त, इस योजना के तहत ऐसे खातों में डिफॉल्ट के लिए क्रेडिट गारंटी फंड की भी परिकल्पना की गई है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 70000 से अधिक कैंपों में 1,84,68,000 खाते खोले जा चुके हैं। योजना का लक्ष्य 26 जनवरी, 2015 तक पूरा किया जाना है। केंद्रीय मंत्रियो, मुख्यमंत्रियों, संसद सदस्यों, विधानसभा सदस्यों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थ्िति में 79 मेगा कैंपों के माध्यम से राज्य की राजधानियों तथा जिलों में इसी प्रकार के शुभारंभ समारोह आयोजित किए गए। देश भर में 70 हजार से अधिक कैंप आयोजित किए गए तथा 1,84,68,000 खाते खोले गए।
यह निर्णय लिया गया है कि इसके पश्चात बैंक इस प्रकार के कैंप साप्ताहिक आधार पर हर शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित करेंगे, जिससे उन परिवारों जिनका खाता किसी बैंक में नहीं है, उन्हें बैंको से जोड़ने का लक्ष्य समय पर पूरा कर लिया जाए। योजना के तहत, बिना बैंक खाते वाले परिवार का व्यक्ति खाता खोलता है तो उसे 1 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा के साथ ‘रूपे’ डेबिट कार्ड मिलेगा। छब्बीस जनवरी 2015 तक खोले गए खातों के लिए 30 हजार रुपए का अतिरिक्त जीवन बीमा कवर देने की भी प्रधानमंत्री ने घोषणा की। इस अतिरिक्त जीवन बीमा कवर के तौर-तरीकों पर वित्तीय सेवाएं विभाग कार्य कर रहा है। लाभार्थियों, जिनका पहले से बैंक खाता है, वे भी इस योजना के तहत 26 जनवरी, 2015 से पहले उनके बैंक की शाखा से जारी ‘रूपे’ कार्ड लेकर 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा तथा 30 हजार रूपए का जीवन बीमा लेने के पात्र हैं।