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Saturday 20 December 2014 05:41:34 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बढ़ते वैश्विक आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियारों की तस्करी जैसे देशों के आर-पार होने वाले अपराधों से कारगर ढंग से निपटने और उनका पता लगाने के लिए भारत और मंगोलिया को सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। राजनाथ सिंह ने मंगोलिया के जनरल अॅथारिटी ऑन बॉर्डर प्रोटेक्शन (जीएबीपी) के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल एलखाशीनाव के नेतृत्व वाले शिष्टमंडल को संबोधित कर रहे थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के मंगोलिया के साथ हमेशा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और मंगोलिया के राजनयिक रिश्ते करीब 60 साल पुराने हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने जीएबीपी को विशेष कार्रवाइयों, साइबर सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर, हथियार और रणनीतियों, बम निष्क्रिय करना, आपदा प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण करने में हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत जीएबीपी मंगोलिया के अधिकारियों को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत प्रशिक्षक विकास कार्यक्रमों के जरिए भी जीएबीपी की क्षमता निर्माण में सहायता दे सकता है, ताकि वे मंगोलिया में ही जीएबीपी के अन्य सदस्यों को भी कौशल संपन्न बना सके। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जीएबीपी और सीमा सुरक्षा बल समान परिस्थितियों में काम करते हैं और एक जैसी चुनौतियां का सामना करते हैं, ऐसे में दोनों बल एक-दूसरे की बेहतरीन पद्धतियों से कुछ सीख सकते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों को प्रौद्योगिकी, उपकरण और सीमा प्रबंधन की पद्धति के आदान-प्रदान के माध्यम से बेहतर सीमा प्रबंधन में एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। गृहमंत्री ने कहा कि जीएबीपी और सीमा सुरक्षा बल को ऑपरेशनल, प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान में संयुक्त अभ्यास करने की जरूरत है। इस अवसर पर मंगोलिया के जीएबीपी के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल एलखाशीनाव, सीमा प्रबंधन सचिव स्नेहलता कुमार, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक डीके पाठक और गृह मंत्रालय, सीमा सुरक्षा बल और जीएबीपी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।