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Wednesday 31 December 2014 05:28:30 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में किसानों के हित से जुड़े कदमों में तेजी लाने का अनुरोध किया और कहा कि नरेगा का प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समग्र योजना के साथ एकीकरण किया जाना चाहिए। किसानों को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य की दिशा में एक और पहल करते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के संबद्ध विभागों और मंत्रालयों से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में तेजी लाने को कहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान किए गए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में संशोधन को मंजूरी देने संबंधी फैसले में केंद्र सरकार की परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने हेतु अक्सर इस्तेमाल होने वाले 13 कानूनों को भूमि अधिग्रहण कानून के दायरे में लाने का किसान हितैषी कदम उठाया जाना शामिल है। इस प्रकार बड़ी संख्या में ऐसे किसानों को लाभांवित किया गया है, जिनकी जमीनों को ऐसी परियोजनाओं में शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से हरेक खेत के लिए सिंचाई की व्यवस्था करने के अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बहुआयामी नीति अपनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष से सिंचाई संबंधी परिसंपत्तियों की रचना और वृद्धि के लिए नरेगा का इस्तेमाल होता आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समग्र योजना के साथ नरेगा का एकीकरण किया जाना चाहिए। वृहद स्तर पर प्रधानमंत्री ने जल संसाधन मंत्रालय से नदी को जोड़ने वाली परियोजनाओं की पहचान करने को कहा, जिन्हें तत्काल शुरू किया जा सकता है। उन्होंने देश भर के जल स्रोतों की पहचान और उनका व्यापक मानचित्रण करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को सिंचाई के उत्कृष्ट संभव स्रोतों के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए उपग्रह चित्र एवं 3डी फोटोग्राफी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने संबद्ध विभागों से प्रगतिशील किसानों को पहचान करने की संभावनाएं तलाशने को कहा है, जो जल संरक्षण एवं सिंचाई की नवीन तकनीकों को कार्यांवित करने की दिशा में पहल कर सकते हैं। उन्होंने नजदीकी ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए प्रमुख कस्बों और शहरों की जल पुनर्चक्रण परियोजनाओं के एकीकरण का भी आह्वान किया। उन्होंने जल संरक्षण के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर भी बल दिया। इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह एवं ग्रामीण विकास मंत्री भी उपस्थित थे।