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Friday 2 January 2015 03:30:34 AM
नई दिल्ली। देश के सभी जिलों में 13 से 17 जनवरी के दौरान ‘हमारा जल-हमारा जीवन’ थीम पर भारत जल सप्ताह-2015 मनाया जाएगा। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने विभिन्न राज्यों के जल संसाधन, सिंचाई विभाग के प्रधान सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में कहा कि स्थानीय स्तर पर जल संसाधन नियोजन के मसलों को सुलझाने और जल संरक्षण की जरूरत के बारे में जागरुकता के लिए वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, जल समुदायों, पीआरआई, अन्य हितधारकों और गैर सरकारी संगठनों को शामिल करने की दिशा में पहल की जाएगी। उमा भारती ने कहा कि जल से संबंधित मांगें पूरी करने का स्वदेशी समाधान ढूंढ़ने और जल के प्रबंधन की भावी योजना सुझाने के लिए हर जिले में एक दिन की कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि जल संरक्षण के बारे में जागरूकता और उसके महत्व को उजागर करने हेतु केंद्रीय क्षेत्र की आईईसी योजना के अंग के तहत आयोजन के लिए प्रत्येक जिले को एक प्रशासनिक इकाई के रूप में लक्षित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के प्रति भावी पीढ़ी को संवेदनशील बनाने के लिए इसमें स्कूली छात्रों की भागीदारी होगी। कार्यशाला के दौरान जल स्रोत, विभिन्न कार्यों के लिए उसके उपयोग और रुकावटों, अधूरी मांगों को पूरा करने, संभावित स्थानीय समाधानों और पानी की वृद्धि के प्रबंधन की भावी योजना तैयार करने के लिए प्रत्येक जिले का खाका तैयार करने की योजना है। कार्यशाला के बाद राज्यों से इस बारे में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। कार्यशाला में विचार-विमर्श के दौरान मिली सिफारिशों का इस्तेमाल राज्य स्तरीय सिफारिशों का विवरण तैयार करते समय किया जाएगा। मंत्रालय नीति निर्धारण करते समय इन सिफारिशों का उपयोग करने में सक्षम हो सकेगा।
कार्यक्रम कार्यांवयन का समग्र प्रभार राज्यों के जल संसाधन विभाग पर होगा। प्रत्येक राज्य में ऐसे आयोजन के लिए दो स्तरों पर समितियों का गठन किया जाएगा। राज्य स्तरीय आयोजन समिति जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अथवा जल संसाधन विभाग के इंजीनियर इन चीफ की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। ये समिति राज्य के जिलों में ऐसे आयोजनों के लिए उत्तरदायी होगी। प्रत्येक जिले में ऐसे आयोजन के लिए कलेक्टर, डीसी, डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय ने ऐसे आयोजन के लिए प्रत्येक जिले के वास्ते 50 हजार रुपये की राशि निर्धारित की है, ये राशि राज्य के लिए चिंहित नोडल कार्यालयों को जारी की जाएगी।