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Saturday 17 January 2015 02:19:43 AM
नई दिल्ली। कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि भारत कौशल विकास में कम से कम 50-55 साल पीछे चल रहा है। उन्होंने कार्पोरेट जगत एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के कुशलता वृद्धि कार्यक्रमों में प्राथमिकता देकर योगदान करने को कहा है। उन्होंने कहा कि कार्पोरेट जगत को उसी क्षेत्र के शिक्षित लोगों को प्रशिक्षित करके रोज़गार के अवसर प्रदान करने चाहिएं। उन्होंने इस बात पर चिंता प्रकट की कि कौशल विकास पर ध्यान नहीं दिया गया।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि भारत कई वर्ष तक मुख्यत: शिक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहा है और अब उसे लोगों की काबिलियत बढ़ाने एवं रोज़गार सृजन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि बड़ी संख्या में युवाओं को रोज़गार दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल को व्यापक स्वरूप देने की जरूरत है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश में देशी-विदेशी निवेश की सहभागिता बढ़ेगी वैसे ही कुशल कामगारों की जरूरत बढ़ती जाएगी, इसलिए कौशल विकास की बहुत आवश्यकता है।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हम शिक्षा पर फोकस करते रहे हैं, न कि कौशल विकास पर। विभिन्न राष्ट्रों के बीच भारत को एक महान शक्ति के तौर पर उभारने की चुनौती को ध्यान में रखते हुए अगले पांच से दस साल काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि अनेक विकासशील एवं विकसित अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में महज दो फीसदी हुनरमंद लोग हैं। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि देश में रोज़गार एक बड़ा मुद्दा है, जिसपर सरकार ने गंभीरता से ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी नौकरियां ही बेरोज़गारी दूर करने का तरीका नहीं हैं, स्वरोज़गार खुद को आत्मनिर्भर बनाता है और दूसरों के लिए रोज़गार के द्वार खोलता है।
अपनी तरह की पहली भागीदारी के तहत कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय कौशल विकास कोष (एनएसडीएफ) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) तथा पावरग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआई) ने एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत पीजीसीआई अपना कार्पोरेट सामाजिक दायित्व कोष देश में एनएसक्यूएफ (राष्ट्रीय कौशल अर्हता ढांचा) से जुड़ी कौशल विकास पहल में लगाएगी। इस मौके पर कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के सचिव सुनील अरोड़ा भी उपस्थित थे।
राज्यमंत्री ने कहा कि कार्पोरेट जगत और पीएसयू अगर मंत्रालय की पहल से जुड़ जाएं तो यह एक ऐसे संस्थान का स्वरूप धारण कर लेगा, जिससे लोगों को हुनरमंद बनाने और भारत को विश्व की स्किल कैपिटल (हुनरमंद लोगों की राजधानी) बनाने में आसानी होगी। राजीव प्रताप रूडी की मौजूदगी में एनएसडीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पवन अग्रवाल, पावरग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के परियोजना निदेशक आईएस झा और एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप चेनॉय ने इस आशय के सहमति करार (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।