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Monday 19 January 2015 01:40:31 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि हमें गन्ना किसानों के हितों पर ध्यान देना होगा और उन्हें समर्थन देने के साथ-साथ उनमें विश्वास जगाने की भी जरूरत है, परंतु चीनी उद्योग की भावनाओं की भी कद्र करनी होगी, ताकि यह उद्योग आने वाले समय में मजबूती से टिका रह सके। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रामविलास पासवान से भेंट की थी। प्रतिनिधिमंडल के साथ चीनी क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए रामविलास पासवान ने कहा कि इन मुद्दों पर सरकार संवेदनशील है और गन्ना किसानों के कल्याण के लिए व चीनी क्षेत्र को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए सभी संभव कदम उठाएगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने रामविलास पासवान से कहा कि गन्ने की पेराई तेज़ करने और चीनी क्षेत्र को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए केंद्र को अतिरिक्त 25 एलएमटी कच्चा चीनी के निर्यात को मंजूरी देनी चाहिए और इस कार्य के लिए सब्सिडी भी मुहैया करानी चाहिए। चीनी मिलों को उनके जमा कराए गए उत्पाद शुल्क की एवज में ब्याज मुक्त ऋण देने पर भी विचार करना चाहिए, ताकि वे 2014-15 के पेराई सत्र में सहजता से एफआरपी पर भुगतान कर सकें।
देवेंद्र फड़नवीस ने सलाह भी दी कि चीनी पर आयात शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र में मिल स्तर पर 50 एलएमटी बफर स्टॉक की व्यवस्था, वित्तीय संस्थानों के सावधि ऋणों का पुनर्गठन और गन्ना विकास कोष से चीनी मिलों को और अधिक सहायता देने का भी सुझाव दिया। चर्चा के दौरान उपभोक्ता मामले राज्यमंत्री राव साहिब पाटिल दानवे भी मौजूद थे। प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे, सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल, सांसद विजयसिंह मोहिते, संजय काका पाटिल और राजू शेट्टी शामिल थे।