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Sunday 22 February 2015 11:04:08 PM
वर्धा। प्रोफेसर जगदीप सिंह दांगी, एसोसिएट प्रोफ़ेसर प्रौद्योगिकी अध्ययन केंद्र, भाषा विद्यापीठ महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा का नाम लिम्का बुक ने अपने 2015 के रिकॉर्डस में भी दर्ज किया है। प्रोफेसर जगदीप सिंह दांगी को हिंदी के प्रथम वर्तनी परीक्षक सॉफ़्टवेयर ‘सक्षम’ को विकसित करने पर लिम्का बुक ने उन्हें पुनः यह सम्मान दिया है। इससे पहले भी इनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्डस 2007 में हिंदी के प्रथम इंटरनेट एक्सप्लोरर आई-ब्राउज़र++ को विकसित करने पर दर्ज किया जा चुका है। ‘सक्षम’ यूनिकोड समर्थित ऐसा पहला ख़ास वर्तनी परीक्षक सॉफ़्टवेयर है, जोकि यूनिकोड समर्थित एमएस विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम आधारित एमएस वर्ड के सभी ऑफिस संस्करणों के साथ में लिंक होकर कार्य करने में पूर्ण सक्षम है।
क्या है सक्षम सॉफ़्टवेयर?
सक्षम-यूनिकोड हिंदी देवनागरी हेतु वर्तनी परीक्षक (Saksham-Unicode Based Devanagari Hindi Spell Check Software)। यह यूनिकोड फ़ॉन्ट आधारित देवनागरी हिंदी पाठ के लिए वर्तनी परीक्षक सॉफ़्टवेयर है। इसके माध्यम से यूनिकोड फ़ॉन्ट आधारित देवनागरी हिंदी में लिखे गए पाठ की वर्तनी को जाँचने, सुधारने एवं संशोधन करने में सहायता मिलती है। यह पाठ के शब्दों की वर्तनी में हुई अशुद्धियों को हाईलाइट करते हुए शब्दों की लगभग सभी शुद्ध वर्तनियों को दर्शाता है। यह विंडोज़ के एमएस वर्ड सॉफ़्टवेयर के अंदर कार्य करने में पूर्ण सक्षम है। वर्तमान में इसके अंदर हिंदी के 1 लाख शब्द संगृहीत हैं और भविष्य में लगभग पांच लाख मानक शब्द संगृहीत करने का लक्ष्य है।
सक्षम सॉफ़्टवेयर की विशेषताएं
विंडोज़ के एमएस वर्ड सॉफ़्टवेयर के अंदर कार्य करने में पूर्ण सक्षम है। यह यूनिकोड आधारित मानक हिंदी के लिए पहला वर्तनी परीक्षक सॉफ़्टवेयर है। सॉफ़्टवेयर का संपूर्ण इंटरफ़ेस देवनागरी लिपि (हिंदी भाषा) में है। यह यूनिकोड फ़ॉन्ट आधारित देवनागरी एवं रोमन फ़ॉन्ट में लिखे हुए द्विभाषी पाठ में से रोमन फ़ॉन्ट में लिखे हुए पाठ को छोड़ कर सिर्फ़ देवनागरी पाठ की वर्तनी जांचने में पूर्ण सक्षम है। तालिका के रूप में लिखे हुए पाठ पर भी यह सॉफ़्टवेयर कार्य करने में पूर्ण सक्षम है। यह परीक्षण के दौरान प्राप्त अशुद्ध वर्तनी वाले शब्द को हाईलाइट करता है एवं अशुद्ध वर्तनी वाले शब्द के लिए कुछ शुद्ध वर्तनी युक्त संभावित शब्दों का सुझाव भी देता है। परीक्षण के दौरान हाईलाइट वाले शब्द को उपयोगकर्ता अपने शब्दकोश में सम्मिलित भी कर सकता है और उसे छोड़ भी सकता है, इसके लिए उपयुक्त कमांड कुंजियां दी गईं हैं।
प्रोफेसर जगदीप सिंह दांगी ने इससे पूर्व भी हिंदी के लिए कई महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर विकसित किए हैं। जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-प्रखर देवनागरी फ़ॉन्ट परिवर्तक (अस्की/ इस्की फ़ॉन्ट से यूनिकोड फ़ॉन्ट में परिवर्तन हेतु), यूनिदेव (यूनिकोड फ़ॉन्ट से अस्की/ इस्की फ़ॉन्ट में परिवर्तन हेतु), शब्द-ज्ञान (यूनिकोड आधारित हिंदी-अंग्रेज़ी-हिंदी शब्दकोश), प्रखर देवनागरी लिपिक (यूनिकोडित रेमिंगटन टंकण प्रणाली आधारित), प्रलेख देवनागरी लिपिक (यूनिकोडित फ़ॉनेटिक इंग्लिश टंकण प्रणाली आधारित), आई-ब्राउज़र++ (प्रथम हिंदी इंटरनेट एक्सप्लोरर)-लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्डस-2007 में दर्ज, अंग्रेज़ी-हिंदी शब्दानुवादक (ग्लोबल वर्ड ट्रांसलेटर), शब्द-संग्राहक, शब्दकोश (हिंदी-अंग्रेज़ी-हिंदी), वर्धा हिंदी शब्दकोश (हिंदी-हिंदी)।
प्रोफेसर जगदीप सिंह दांगी इस समय महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में एसोसिएट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनका हिंदी सॉफ़्टवेयर विकास कार्य उल्लेखनीय है। वे निरंतर 12 वर्ष से हिंदी भाषा में कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर का विकास कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें अनेक राष्ट्रीय संस्थाओं में सम्मानित व पुरस्कृत किया गया है। प्रोफेसर दांगी के अनेक साक्षात्कार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के समाचार चैनल, वेब-साइट्स एवं पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित हुए हैं। उनका प्रयास हिंदी भाषा को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से स्थापित कर अन्य सभी भाषाओं के साथ संयोजन स्थापित करने का है।