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Wednesday 4 March 2015 12:20:33 AM
नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को त्रुटि रहित और प्रामाणिक बनाने के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसका प्रमुख उद्देश्य मतदाता सूचियों को पूरी तरह त्रुटि रहित और प्रामाणिक बनाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रामाणिकता के उद्देश्य से मतदाताओं के ईपीआईसी डेटा को भारतीय अनूठे पहचान पत्र प्राधिकरण के आधार डेटा से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत त्रुटियों में सुधार जैसे मामलों को सही करने के साथ-साथ मतदाताओं के चित्र की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के जरिए मतदाताओं को वेब सेवाओं के इस्तेमाल से एसएमएस, ई-मेल, मोबाइल एप्लीकेशन और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल से अपनी-अपनी आधार संख्या भेजने की सुविधा दी गई है।
भारतीय मतदाता राज्य के कॉल सेंटर 1950 पर कॉल कर अपनी आधार संख्या लिखवा सकते हैं या उन्हें निर्धारित भरे हुए फार्म पर आधार संख्या और ईपीआईसी यानी मतदाता फोटो पहचान पत्र के विवरण के साथ दोनों दस्तावेजों की छाया प्रति संलग्न कर जमा करानी होगी। इसके अलावा मतदाता पंजीकरण अधिकारी विशेष शिविर लगाकर आधार संख्या विवरण भरने और संकलन का काम करेंगे। इस काम के लिए मतदाता सुविधा केंद्रों, ई-सेवा केंद्रों और जिला निर्वाचन अधिकारी के अधिकृत नागरिक सेवा केंद्रों को भी यह काम करने के लिए कहा गया है। बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर विवरण एकत्रित करेंगे। जनता की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 12 अप्रैल 2015 को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी देशभर में विशेष शिविर आयोजित करेंगे।
मतदाता राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाताओं को एक से अधिक बार दर्ज किए गए उनके इंद्राज की स्वैच्छिक जानकारी देने की सुविधा प्रदान की गई है। एक से अधिक बार पंजीकरण वाले मतदाताओं को अपने निवास के स्थान के अलावा दिखाए गए अन्य स्थानों से नाम हटवाने के लिए फार्म 7 भरने की सलाह दी गई है। मतदाता फार्म 7 एनवीएसपी के वेब पोर्टल या मतदाता पंजीकरण अधिकारी के सुविधा केंद्र, विशेष शिविर अन्य केंद्रों जैसे कि ई-सेवा, नागरिक सेवा केंद्रों आदि के जरिए जमा करा सकते हैं। यह राष्ट्रीय अभियान 15 अगस्त 2015 को समाप्त होगा।