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Friday 13 March 2015 02:25:26 AM
शिलांग। भारतीय पेनोरेमा फिल्म महोत्सव के तीसरे संस्करण का उद्घाटन यू सोसो ऑडिटोरियम मेघालय शिलांग में समरौद्धी पोरे की निर्देशित और पुरस्कृत मराठी फिल्म 'डॉ प्रकाश बाबा आम्टे: द रियल हीरो' के प्रदर्शन के साथ हुआ। मेघालय राज्य सरकार तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय में आयोजित समारोह के इस संस्करण का उद्घाटन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव बिमल जुल्का की उपस्थिति में मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुलसंगमा ने किया। इस अवसर पर विख्यात फिल्म निर्देशक अंजन दत्त सहित जानी-मानी फिल्म हस्तियां, मेघालय के सूचना और जनसंपर्क मंत्री एएल हेक भी मौजूद थे। बिमल जुल्का ने महोत्सव में कहा कि इस क्षेत्र में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय पूर्वोत्तर की फिल्मों को दिखाने पर जोर दे रहा है।
बिमल जुल्का ने कहा कि हाल में ही नई दिल्ली में पूर्वोत्तर फिल्मोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। बिमल जुल्का ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव गोवा (आईएफएफआई) में पूर्वोत्तर की फिल्मों के लिए एक अलग वर्ग है, यह भारत और विदेशों के फिल्म निर्माताओं को इनकी फिल्में प्रदर्शित करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आगामी भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में पूर्वोत्तर का प्रदर्शन करने वाली मेघालय में बनी फीचर और गैर फीचर फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष श्रेणी होगी। भारतीय पैनोरमा फिल्म समारोह में महोत्सव के दौरान जो अन्य फीचर फिल्म प्रदर्शित की जाएंगी, उनमें दृश्यम (मलयालम), दिसंबर 1 (कन्नड़), कुट्टरम कादिथल (तमिल), आंखों देखी (हिंदी), ओथेलो (असमी), री (खासी), तीनकाहों (बंगाली), रंजना अमी अर एश्बोना (बंगाली) शामिल हैं। गैर-फीचर फिल्मों में सांग ऑफ ब्लू हिल्स (नगामीज, अंग्रेजी), ए ड्रीम नेवर डाईज (असमी) और इक होता कौ (मराठी) शामिल हैं।
पूर्वोत्तर के युवा फिल्म निर्माताओं की सराहना करते हुए बिमल जुल्का ने कहा कि पूर्वोत्तर से बहुत सी लघु गैर फीचर फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म डिवीजन के कार्यक्रम के अंतर्गत एक विशेष भाग के रूप में लघु फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने कहा कि फिल्म डिवीजन ने पिछले पांच वर्ष के दौरान इस योजना के अंतर्गत 54 फिल्मों का निर्माण कराया। उन्होंने कहा कि 2014-15 में मिजोरम के आइजोल में फिल्म निर्माण पर एक कार्यशाला आयोजित की गई और इस समय असम के सिलचर में एक अन्य कार्यशाला चल रही है। फिल्म डिवीजन की पूर्वोत्तर में हर वर्ष चार कार्यशाला आयोजित करने की योजना है, ताकि इस क्षेत्र के फिल्म निर्माता, फिल्म निर्माण की नवीनतम तकनीकों को जान सकें।