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Saturday 18 April 2015 12:50:28 AM
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने कहा है कि सगंध पौधों की खेती के विस्तारीकरण कार्य पर और अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि असिंचित, बंजर, अनुपजाऊ भूमि सहित पर्वतीय क्षेत्र के उन गांवों में सगंध पौधों की खेती को प्रोत्साहित करने के विशेष प्रयास किए जाने होंगे, जहां से आजीविका संसाधनों के अभाव में पलायन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सगंध पौधों की खेती काश्तकारों के लिए आमदनी का एक बेहतर जरिया बन सकती है, यह एक ऐसा उभरता हुआ उद्योग है, जिसमें राज्य की आर्थिकी में वृद्धि की अपार संभावनाएं निहित हैं।
राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने देहरादून के सेलाकुंई औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित ‘सगंध पौधा केंद्र’ (कैप) में विजिट के दौरान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में एरोमेटिक प्लांट्स की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदर्शनी लगाई जाए, कृषकों को गुणवत्तायुक्त बीज, पौध उपलब्ध कराए जाएं, उत्पादन की विधियों की जानकारी देने के साथ ही इसके व्यावसायिक लाभ के प्रति उन्हें जागरूक करके सगंध पौधों की खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए।
राज्यपाल ने ‘कैप’ परिसर की पौधशाला, डिमास्ट्रेशन फार्म, इंडोर ट्रेनिंग सेंटर, अरोमा प्रोसेसिंग सेंटर, अरोमा गैलरी, इंस्ट्रूमेंटेशन लैब, अरोमा बैंक तथा लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया। राज्यपाल के विजिट के दौरान प्रभारी सचिव उद्यान डॉ निधि पांडेय एवं कैप के प्रभारी नृपेंद्र चौहान ने कैप की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर अपर सचिव उद्यान टीएस पंवार सहित कैप के और अधिकारी भी उपस्थित थे।