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Monday 8 June 2015 01:00:06 AM
ढाका/ नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को आंध्र प्रदेश के वेंकटगिरि में हस्तनिर्मित चित्रपट भेंट किया। जामदानी शैली में कपड़े पर बने ऐसे चित्र बांग्लादेश में अत्यंत लोकप्रिय हैं। आंध्र प्रदेश के नेल्लौर जिले में स्थित वेंकटगिरि हथकरघों के लिए महत्वपूर्ण और विख्यात है। यहां के बुनकरों ने क्षेत्र के परंपरागत डिजाइनों को जामदानी बुनाई तकनीक में प्रस्तुत करने में महारत हासिल की है। उपहार स्वरूप दिए गए चित्रपट में कल्पवृक्ष और कामधेनु गाय को चित्रित किया गया है, जो समृद्धि के प्रतीक समझे जाते हैं। यह चित्रपट अत्यंत महीन सूती धागे और शुद्ध सोने के धागों से बनाया गया है। इसका निर्माण राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकार और प्रमुख शिल्पकार गोवराबातिनी रामनैया ने किया है।
प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा की शुरूआत राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करने और बलिदान देने वाले सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करके की। इस मुक्ति संग्राम में बांग्लादेश के साथ भारत ने भी सहभागिता निभाई थी। नरेंद्र मोदी बंगबंधु स्मारक संग्रहालय भी गए, जो बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित है। बंगबंधु संग्रहालय में नरेंद्र मोदी करीब 20 मिनट तक रहे और शेख मुजीब के निजी उपयोग की वस्तुएं देखीं। तीन मंजिला यह इमारत, जो 1961 से 15 अगस्त 1975 के तड़के उनकी हत्या होने तक उनका आवास थी और बाद में इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया।
संग्रहालय पर बंगबंधु के नाती शेख रदवान सिद्दीक और बंगबंधु स्मारक ट्रस्ट के नेताओं ने नरेंद्र मोदी का स्वागत किया और भवन के विभिन्न हिस्सों में उन्हें ले गए। शेख हसीना, शेख मुजीब की बड़ी पुत्री हैं, जो इस वक्त बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। बांग्लादेश पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'जातियो स्मृति शौधो' गए। उन्होंने पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले हजारों सैनिकों को राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सेना बिगुल बजाकर सेनानियों को नमन किया गया। नरेंद्र मोदी ने स्मारक के समक्ष कुछ पल मौन खड़े होकर सम्मान प्रकट किया। सैन्य परंपरा के अनुरूप बांग्लादेश का ध्वज फहराया गया और उसे आधा झुका दिया गया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शहीद स्मारक ढाका से 35 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में सावर में स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मारक परिसर में एक पौधा लगाया और अतिथि पुस्तिका में लिखा कि मैं अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा कि अपनी यात्रा की शुरुआत 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीदों को नमन करके कर रहा हूं। नरेंद्र मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जातियो स्मृति शौधो की आधारशिला स्वयं बंगबंधु ने रखी थी, इसका डिजाइन विभिन्न प्रविष्टियों में से प्रतिस्पर्धा के आधार पर चुना गया था। उन्होंने कहा कि इस स्मारक में सात विशिष्ट त्रिकोण हैं, जो बांग्लादेश के राष्ट्रीय आंदोलन के उन सात विभिन्न चरणों को रेखांकित करते हैं, जिनसे उन्हें स्वतंत्रता मिली। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मारक फर्श से अर्श तक पहुंचने की तासीर देता है, यह लोगों के साहस और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। स्मारक में सात त्रिकोणीय समद्विबाहु पिरामिड आकृति के ढांचे हैं, जिसमें मध्य वाला सबसे बड़ा है और इसकी ऊंचाई 150 फुट है। मुख्य स्मारक के सामने कृत्रिम झील और कई सामूहिक कब्रें हैं।