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Monday 8 June 2015 02:39:11 AM
ढाका/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढाका में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शाश्वत शब्दों को याद किया, जिन्होंने 6 दिसंबर 1971 को संसद में एक भाषण में कहा था कि भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री एक ऐसे बंधन की तरह है, जो किसी दबाव से नहीं टूटेगी और कभी भी किसी कूटनीति का शिकार नहीं होगी। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए बांग्लादेश का स्वतंत्रता सम्मान स्वीकार करते हुए अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को एक ऐसा दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने कहा था कि इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है, क्योंकि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए भारतीय सैनिकों का खून मुक्ति योद्धाओं के साथ बहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए यदि अटल बिहारी वाजपेयी यहां खुद उपस्थित होते तो काफी अच्छा होता। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जल्द स्वस्थ होंगे और एक बार फिर सबका मार्गदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि उन्होंने काफी देरी से राजनीति में प्रवेश किया था, पर 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के आह्वान पर दिल्ली आने वाले बहुत से युवा कार्यकर्ताओं में से वे एक थे। उन्होंने खुद को उन करोड़ों लोगों में से एक बताया, जो इस सपने को साकार होते देखना चाहते थे।