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Saturday 27 June 2015 04:46:43 AM
विक्टोरिया/ नई दिल्ली। भारत का जंगी पोत पोर्ट विक्टोरिया पहुंच गया है और ये वहां सेशेल्स तट रक्षक एससीजी के चयनित क्षेत्र में एससीजी कर्मियों के साथ संयुक्त ईईजेड निगरानी करने के मिशन के तहत 9 जुलाई 2015 तक रहेगा। आईएनएस तेग एससीजी जहाजों के रखरखाव के लिए आवश्यक वस्तुओं को भी साथ लेकर गया है, एक तकनीकी टीम विभिन्न एससीजी जहाजों पर मामूली खराबी में सुधार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। इसके साथ ही जहाज की टीम मिशनरीज चैरिटी वृद्धाश्रम में रह रहे लोगों से मिलने और साथ ही उन्हें चिकित्सा और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए एंसी इतोइलि जाएंगे। भारतीय नौसेना अपनी सुरक्षा जिम्मेदारियों को निभाते हुए इन उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्ध है और जब कभी भी मित्र देशों ने अनुरोध किया तो इसने उनके क्षमता निर्माण और सामर्थ्य को बढ़ाने में योगदान दिया है।
आईएनएस तेग 29 जून को सेशेल्स के राष्ट्रीय दिवस समारोह के समय यात्रा पर गया है, इस अवसर पर इस युद्धपोत का एक 25 सदस्यीय मार्चिंग दस्ता और नौसेनिक बैंड वहां होने वाली प्रतिष्ठित वार्षिक सैन्य परेड में भाग लेंगे। जहाज के हेलीकाप्टर भी समारोह के दौरान एक फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगे। आईएनएस तेग की वहां तैनाती भारत और सेशेल्स के बीच मजबूत रक्षा और समुद्री सहयोग में एक और अध्याय जोड़ती है। आईएनएस तेग भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक निदेशित मिसाइल सुविधा वाला युद्धपोत है और यह मुंबई से संचालित है। यह युद्धपोत 4000 टन की क्षमता और 30 समुद्री मील की गति के साथ नवीनतम हथियारों से लैस विविध प्रकार के मिशन पूरा करने में सक्षम है। भारतीय नौसेना के पेशेवर और बेहद अभिप्रेरित टीम वाले जहाज के कप्तान कमांडिंग आफिसर कैप्टन एवाई सरदेसाई हैं।
भारत के सेशेल्स के साथ मजबूत और पुराने संबंध है, जिनमें रक्षा सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के क्षेत्र में प्रशिक्षण, हाइड्रोग्राफी और समुद्री क्षेत्र जागरूकता में सहयोग करना शामिल है। भारत ने क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत सेशल्स के लिए एक फास्ट अटैक क्राफ्ट और डोर्नियर विमान भी उपलब्ध कराया है। भारतीय नौसेना का जंगी पोत आईएनएस तेग निगरानी के लिए दक्षिणी हिंद महासागर के क्षेत्र में दो महीने से तैनात रहा है। यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में निर्बाध आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए सुरक्षित और स्थिर वातावरण सुनिश्चित करने के लक्ष्य की प्राप्ति एवं भारत के राष्ट्रीय उद्देश्य के अनुरूप है।