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Monday 29 June 2015 07:38:02 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नौवें सांख्यिकीय दिवस पर सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) को एक संदेश जारी करते हुए कहा है कि सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्रालय स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी, रोज़गार, सामाजिक पिछड़ापन, आवास और पर्यावरण जैसे सामाजिक क्षेत्रों पर मजबूत आंकड़ों पर आधारित एक जानकारीपूर्ण निर्णय निर्माण प्रणाली से भारत के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। प्रोफेसर पीसी महालानोबिस के जन्मदिन पर यह दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष के सांख्यिकीय दिवस के लिए चुना गया 'सामाजिक विकास' विषयवस्तु वर्तमान परिदृश्य में उपयुक्त है, आइए इस दिवस पर प्रोफेसर महालानोबिस के जीवन एवं कैरियर से प्रेरणा ग्रहण करें, जिनकी उत्कृष्टता ने बहुत से लोगों को विभिन्न विषयों में सांख्यिकीय तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि मैं भारत में सांख्यिकीय बिरादरी को बधाई देता हूं।
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यांवयन (स्वतंत्र प्रभार), विदेशी मामलों और प्रवासी भारतीय मामलों के राज्यमंत्री जनरल डॉ विजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय साख्यिकी दिवस के लिए चुनी गई सामाजिक विकास की विषय वस्तु प्रधानमंत्री के निर्धारित विकास की विभिन्न विषय वस्तुओं से संबंधित और प्रसांगिक है। नौवें राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के संबंध में आज नई दिल्ली में उन्होंने सांख्यिकीविदों का आकड़ों का विश्लेषण करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आह्वान किया, ताकि समाज के विकास के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में किए जाने वाले हस्तक्षेपों के लिए इन्हें प्रासंगिक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में केंद्रित हस्तक्षेपों के लिए विचार कर रही है। डॉ विजय कुमार सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय के वैतनिक और अवैतनिक कार्य में लगे व्यक्तियों के लिए प्रस्तावित 'समय का उपयोग' सर्वेक्षण को राष्ट्र की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए सूझबूझ और निर्णय लेने के कार्य में योगदान करना चाहिए।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ प्रणब सेन ने कहा कि विकास एजेंडा के एक भाग के रुप में अधिकांश बड़ी समस्याओं पर विचार किया गया और पहचान किए गए और केंद्रित क्षेत्रों में विशिष्ट समस्याओं से निपटने के लिए अलग-अलग आंकड़ा संग्रह और विश्लेषण की जरूरत है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय के सचिव डॉ टीसीए अंनत ने कहा कि अब 2015 में सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों की समीक्षा के एक भाग के रुप में देश में सामाजिक विकास की समीक्षा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी उपकरणों में समाज के विभिन्न सामाजिक विकास मनदंडों को मापने के लिए सक्षम बनाने हेतु सुधार किया जाना चाहिए। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय सामाजिक-आर्थिक योजना, नीति निर्धारण और सुशासन में आंकड़ों के महत्व और भूमिका के बारे में प्रोफेसर प्रशांत चंद महालनोबिस से युवा पीढ़ी को विशेष रूप से प्रेरित करने और उनमें जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से 2007 से प्रतिवर्ष सांख्यिकी दिवस मना रहा है। सांख्यिकी और आर्थिक योजना के क्षेत्रों में उनके उल्लेखनीय योगदान को मान्यता देने के लिए भारत सरकार ने उनकी जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के 29 जून को प्रतिवर्ष विशेष दिवस की श्रेणी में सांख्यिकी दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर जनरल डॉ विजय कुमार सिंह ने प्रोफेसर सीआर राव के सम्मान में गठित राष्ट्रीय सांख्यिकी पुरस्कार डॉ हुकम चंद्र वैज्ञानिक आईएएसआरआई और डॉ पुलक घोष प्रोफेसर आईआईएम बेंगलुरू को प्रदान किया। भारतीय अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के योगदान और महत्व को देखते हुए 'सामाजिक विकास' का 9वें सांख्यिकी दिवस की विषय-वस्तु के रुप में चयन किया गया है। सामाजिक विकास आंकड़े-वर्तमान स्थिति, मुद्दे, चुनौतियां विषय पर मुख्य विषय-वस्तु पत्र केंद्रीय साख्यिकी कार्यालय द्वारा प्रस्तुत किया गया। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय ने पूरे देश में फैले एनएसएसओ कार्यालयों, भारतीय साख्यिकी संस्थान, विश्वविद्यालय, विभागों ने संगोष्ठियों, सम्मेलनों, वाद-विवाद व्याख्यान और निबंध प्रतियोगिताओं आदि आयोजित करके पूरे देश में 9वां सांख्यिकी दिवस मनाया।