स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 2 July 2015 03:28:30 AM
देहरादून। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के उत्तरी प्रादेशिक केंद्र देहरादून में स्थापना दिवस की शताब्दी वर्षगांठ मनाई गई। शताब्दी दिवस के मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तराखंड के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल और डॉ ए सेंथिल कुमार निदेशक भारतीय सुदूर संवेदी संस्थान देहरादून (आईआरएस) थे। इस अवसर पर शताब्दी दौड़ का आयोजन किया गया, जो भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद के बाद श्रीराधाकृष्ण मंदिर किशन नगर से शुरू हुई। दौड़ की शुरूआत मुख्य अतिथि डॉ राजेंद्र डोभाल के शताब्दी फ्लैग ऑफ से हुई। इस प्रोग्राम में कई विभागों एवं इस विभाग के प्रख्यात वर्तमान एवं सेवानिवृत अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। भारतीय सुदूर संवेदी संस्थान, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण, भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी और वन अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थी इस दौड़ में शामिल हुए।
विभाग परिसर में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने शताब्दी वर्ष पर प्रतिज्ञा ली और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक डॉ के वैंकेटरमन, विभाग की प्रभारी अधिकारी डॉ एएन रिज़वी ने शताब्दी संदेश पढ़ा। विभाग के भूतपूर्व प्रभारी अधिकारी पीटी भूटिया और डॉ पीसी टाक इस अवसर पर मौजूद थे। डॉ राजेंद्र डोभाल ने उत्तराखंड के इतिहास में जैव विविधता की महत्ता पर व्याख्यान दिया और बच्चों को इसके प्रति उत्प्रेरित किया। उन्होंने आधुनिक प्रयोगशालाओं को देखा। इन उच्च आणविक वर्गीकरण प्रयोगशालाओं में भारतीय प्राणि सर्वेक्षण विभाग के वैज्ञानिकों ने जैव विविधता के अध्ययन में जो नई तकनीकें अपनाई हैं, उनके लिए उनकी प्रशंसा भी की। डॉ अर्चना बहुगुणा, डॉ एसआई काज़मी, डॉ नरेंद्र शर्मा, डॉ विनिता शर्मा ने अपने-अपने विशेष कार्य क्षेत्रों में केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी एवं एफआरआई के बच्चों को अपने क्षेत्र की जानकारी दी। कार्यशाला में भाग लेने के उपलक्ष्य में सभी को इस विभाग से प्रमाण पत्र दिए गए।