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Tuesday 22 August 2017 01:31:29 AM
लेह। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने भारत की पांचों लद्दाख स्काउट्स बटालियनों और लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर को उनके शानदार शौर्य के लिए निशान प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद दिल्ली से बाहर उनका जम्मू-कश्मीर राज्य में लेह दौरा प्रथम है। सशस्त्रबलों के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते उन्होंने अपनी इस यात्रा को देश के सशस्त्रबलों को समर्पित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि लद्दाख स्काउट्स को भारतीय सेना का हिस्सा बने 54 वर्ष हो चुके हैं, इस रेजिमेंट का यह सफर शौर्य, सम्मान और कीर्ति की गाथाओं से भरपूर रहा है। इस रेजिमेंट की स्थापना 1947-48 में पाकिस्तानी कबालियों के हमले के समय हुई थी, जिसमें लद्दाख के पराक्रमी लोगों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा का संकल्प लिया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि यह पराक्रम आज भी समूचे देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि आधी सदी से कुछ ज्यादा अवधि के दौरान यह रेजिमेंट विशिष्ट वीरता और असाधारण सेवाओं के लिए 605 सम्मान और पदक प्राप्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि यह रेजिमेंट के जवानों के अदम्य साहस और भावना का प्रमाण है और हमारे सशस्त्रबलों के सभी जवानों और अधिकारियों के लिए आदर्श है। उन्होंने अनेक युद्धों और कार्रवाइयों के दौरान विशिष्ट पहचान बनाई और खेलों, रोमांचक गतिविधियों एवं पेशेवर चुनौतियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति ने निशान प्रदान करने के समारोह के दौरान लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंट के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रामनाथ कोविद ने कहा कि लद्दाख के लहू और बलिदान ने भारत की संप्रभुता की रक्षा की है, राष्ट्र को गौरव दिलाया है और भारतीय जनता को नुकसान पहुंचने से बचाया है। उन्होंने रेजिमेंट के सभी पूर्व सैनिकों और सेवारत जवानों को उनकी कर्तव्य निष्ठा और पेशेवर आचरण के लिए बधाई दी। इस अवसर पर उपस्थित लोगों में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद, उपमुख्यमंत्री निर्मल कुमार सिंह, जम्मू कश्मीर सरकार के मंत्री और थलसेना अध्यक्ष बिपिन रावत शामिल थे। इस दौरान राष्ट्रपति ने लेह के महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर में बुद्धा पार्क फॉर वर्ल्ड पीस की आधारशिला रखी।