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Friday 1 June 2018 06:25:30 PM
मुंबई। महाराष्ट्र के दो प्रमुख शहरों के बीच एक जून 1930 को भारतीय रेल की अग्रणी ‘डेक्कन क्वीन’ रेल सेवा शुरू हुई थी, जो ग्रेट इंडियन पेनिनसूला रेलवे की प्रमुख ऐतिहासिक उपलब्धि थी। इस क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण शहरों में सेवा प्रदान करने के लिए यह पहली डीलक्स रेलगाड़ी थी और ‘दक्खन की रानी’ के तौर पर प्रसिद्ध पुणे शहर के नाम पर इसका नामकरण हुआ था। शुरू में इस रेलगाड़ी में 7 डिब्बों के दो रैक थे, प्रत्येक को लाल रंग के सजावटी सांचों में सिल्वर रंग और अन्य पर नीले रंग के सांचों में सुनहरे रंग की रेखा उकेरी गई थी। डिब्बों के मूल रैक की नीचे की फ्रेम का निर्माण इंग्लैंड में लिखा था, जबकि डिब्बों का ढांचा जीआईपी रेलवे के माटुंगा कारखाने में निर्मित किया गया था। शुरुआत में ‘डेक्कन क्वीन’ में केवल प्रथम और द्वितीय श्रेणी थी। प्रथम श्रेणी को 1 जनवरी 1949 को बंद कर दिया गया था और द्वितीय श्रेणी की डिजाइन दोबारा तैयार करके इसे प्रथम श्रेणी में परिवर्तित किया गया।
डेक्कन क्वीन रेल में इसीके बाद जून 1955 में पहली बार तृतीय श्रेणी उपलब्ध कराई गई। इसे अप्रैल 1974 से द्वितीय श्रेणी के तौर पर दोबारा डिजाइन किया गया था। डेक्कन क्वीन रेल में 1966 में मूल रैकों के डिब्बों के स्थान पर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री पैरांबुर द्वारा निर्मित टेलीस्कोप रोधी स्टील के ढांचे वाले डिब्बे लगाए गए थे। इन डिब्बों में अधिक आराम के लिए इसकी डिजाइन और आंतरिक साज-सज्जा में अनेक सुधार किए गए। रैक में डिब्बों की संख्या भी 7 से बढ़ाकर 12 कर दी गई। वर्तमान में इसमें अब 17 डिब्बे हैं। इसकी शुरूआत से यात्रियों को उच्चस्तर का आराम प्रदान करने के अलावा रेलगाड़ी में कई सुधार किए गए। इनमें देश में पहली बार रोलर बियरिंग के डिब्बों की शुरूआत, विद्युत पैदा करने वाले डिब्बों के स्थान पर 110 वोल्ट प्रणाली के विद्युत उत्पादित करने वाले डिब्बे लगाना, यात्रियों के लिये अधिक स्थान उपलब्ध कराने हेतु पहली और द्वितीय श्रेणी की चेयर कार की शुरूआत शामिल है।
डेक्कन क्वीन रेल की हाल ही में रंग योजना में क्रीम और नीले रंग का इस्तेमाल करके इसके ऊपर लाल रंग की पट्टी बनाई गई है। डेक्कन क्वीन रेल में बेहतर सुविधाओं, आराम के स्तर में सुधार और बेहतर गुणवत्ता की सेवा प्राप्त करने की यात्रियों की अपेक्षाओं के चलते संपूर्ण परिवर्तन करना आवश्यक समझा गया। सन् 1995 में परिवर्तित रैक की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-सभी नवनिर्मित या एक वर्ष पुराने एयर ब्रेक डिब्बे। यात्रियों को धूल मुक्त वातावरण में अतिरिक्त 65 सीट उपलब्ध कराने के लिए पुराने रैक में पांच प्रथम श्रेणी की चेयरकार के स्थान पर पांच एसी चेयरकार लगाई गईं। पुराने डिब्बों की तुलना में 120 अतिरिक्त बैठने की क्षमता वाले 9 द्वितीय श्रेणी की चेयरकारें भी उपलब्ध करायी गईं। इस प्रकार पुराने रैक में 1232 सीटों की तुलना में नए रैक में कुल 1417 सीटें है, अर्थात 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
डेक्कन क्वीन रेल में डायनिंग कार के जरिये 32 यात्रियों को टेबल सेवा प्रदान की जाती है और इसमें माइक्रोवेव ओवन, फ्रीजर और टोस्टर जैसी आधुनिक पेंट्री सुविधाएं है। डायनिंग कार कुशन वाली कुर्सियों और गलीचे के साथ सुरूचिपूर्ण तरीके से सुसज्जित है। अंतर्राष्ट्रीय सेवा कंपनी द्वारा डेक्कन क्वीन की प्रबंधन प्रणाली (2123डीएन/2124अप) का आकलन किया गया और यह नवंबर 2003 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के संयुक्त मान्यता प्रणाली के अंतर्गत आईएसओ 9001: 2000 के सभी मानदंड़ों पर खरी उतरी थी। वर्तमान में डेक्कन क्वीन (12123/12124) में 17 डिब्बे हैं, जिनमें 4 एसी चेयर कार, 1 बूफे कार, 10 द्वितीय श्रेणी की चेयर कार और द्वितीय श्रेणी सह ब्रेक वैन शामिल हैं।