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Thursday 20 September 2018 03:25:02 PM
लखनऊ। दलित और पिछड़े समाज की शिक्षा और उनके अधिकारों के लिए जागरुक प्रेरणा का मंच बना भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' मानता है कि बहुजन समाज की कुछ जातियां आज भी विकास से कोसो दूर हैं। 'लक्ष्य' की महिला टीम ने 'लक्ष्य घर-घर की ओर' अभियान के तहत एलडीए कालोनी लखनऊ में एक दिवसीय कैडर कैम्प का आयोजन किया था, जिसमें लक्ष्य कमांडर मालती कुरील, खुशबू गौतम और अनीता गौतम ने बहुजन समाज की व्यथा-कथा सामने रखते हुए कहा कि जिन जातियों ने शिक्षा का मार्ग अपनाया है और जीवनयापन के कठिन एवं समृद्धिविहीन कार्यों से मुक्ति ले ली है उनपर विकास की किरणें पड़ने लगी हैं।
लक्ष्य कमांडर रागिनी चौधरी, प्रतिभा राव और रचना कुरील ने शिक्षा पर खास जोर देते हुए कहा कि बहुजन समाज की जिन जातियों ने बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के मार्ग को अपनाया है, उन जातियों ने शिक्षा को भी अपना सर्वप्रथम मार्ग बनाया है, परिणामस्वरूप उन जातियों के लोग अपने जीवन में विकास की ऊंचाईयां छू रहे हैं। लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या और राधा बौद्ध ने बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की शिक्षाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि वाल्मीकि समाज आज भी अपने मैला ढोने के पैतृक कार्य को मजबूर है, इसी कारण वो आज भी विकास से कोसो दूर है। उन्होंने वाल्मीकि समाज से अपील की कि वह बाबासाहेब के मार्ग को अपनाए और मैला ढोने के कार्य को त्याग दे, ताकि वह भी विकास के पायदान पर चढ़ सके।
लक्ष्य कमांडरों ने वाल्मीकि समाज से यह भी अनुरोध किया कि वह अपने बच्चों के हाथ में झाड़ू न देकर उन्हें कलम दे, ताकि वे भी मानवीय जीवन जी सकें। लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम, दुर्गावती देवी और नीलम ने तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और उनको अपने जीवन में उतारने की अपील की। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध की शिक्षाएं हमें शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाती हैं, जहां भेदभाव और अंधविश्वास का कोई नामोनिशान नहीं है। लक्ष्य कमांडर चेतना राव, सरोजनी और छोटेलाल कुरील ने समाज के लोगों का धन्यवाद किया और लखनऊ में लक्ष्य को और मजबूत करने का संकल्प लिया।