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उग्रवाद पूर्वोत्तर के 10-12 जिलों में सिमटा-गृहमंत्री

केंद्रीय गृहमंत्री ने इसका श्रेय केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल को दिया

लखनऊ में मनाया गया आरएएफ का 26वां जयंती समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 7 October 2018 05:55:32 PM

home minister rajnath singh

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आज द्रुत कार्यबल आरएएफ का 26वां जयंती समारोह मनाया गया। इस अवसर पर एक आकर्षक परेड का आयोजन हुआ, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्य अतिथि के रूपमें परेड की सलामी ली। उन्होंने परंपरागत ढंग से परेड का निरीक्षण किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल ने देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ़ ने जहां एक ओर कश्मीर में आतंकवाद को नियंत्रित किया है, वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद को समाप्त करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, जो उग्रवाद कभी 126 जिलों में फैला था, वह आज 10-12 जिलों तक सिमट कर रह गया है। गृहमंत्री ने कहा कि इसका श्रेय सीआरपीएफ़ को जाता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग भारत के अपने ही लोग हैं, इसलिए सीआरपीएफ़ को उनके बीच बहुत ही सूझबूझ के साथ काम करना होता है, लेकिन जब आतंकवाद की बात आती है तो सीआरपीएफ़ उसका कड़ा जवाब देती है। उन्होंने कहा कि यह सीआरपीएफ़ की साख का सबूत है कि राज्य उसकी निरंतर मांग करते हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आरएएफ के जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दंगा नियंत्रण जैसे मोर्चे पर सीआरपीएफ़-आरएएफ ने महत्वपूर्ण काम किया है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ़ राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बैठाकर काम करती है, वर्ष 2018 में सीआरपीएफ़ ने 131 नक्सलियों को मार गिराया और 1278 को जिंदा पकड़ लिया, 58 नक्सली आत्मसमर्पण के लिए मजबूर हुए। सीआरपीएफ़ के सामाजिक पक्ष की प्रशंसा करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि शांति और विकास के लिए इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, सीआरपीएफ़ ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए भी काम किया है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ़ ने 52 गांव को गोद लिया है, इन गावों में सीआरपीएफ़ जवान लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता जैसे मुद्दे पर जागरुक करते हैं, सीआरपीएफ़ ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई है।
गृहमंत्री ने कहा कि जवानों की शहादत पर अब उनके परिजनों को कम से कम 1 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सीआरपीएफ़ के अधिकारियों और जवानों के कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही हैं, जवानों के लिए आवासीय मकान बनाए जा रहे हैं और उनके बच्चों की पढ़ाई और शादी आदि के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है। सीआरपीएफ़ के महानिदेशक राजीवराय भटनागर ने परेड में गृहमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में 15 अधिकारियों और जवानों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया, जबकि दो अधिकारियों को सराहनीय सेवा पदक मिला। जिन अधिकारियों और जवानों को वीरता पदक से नवाजा गया उनके नाम हैं-कमांडेंट किशोर कुमार, हवलदार अरुण कुमार, सिपाही मनीष कुमार यादव, सिपाही प्रदीप कुमार सिंह और सिपाही पठारे स्वप्निल हेमराज़। इन्हें कश्मीर में अवंतिपुरा में आतंकवादियों के खिलाफ सफल कार्रवाई के लिए सम्मानित किया गया।
कश्मीर में सुंबल में सीआरपीएफ़ कैंप पर फिदायीन आतंकवादी हमले के दौरान वीरता प्रदर्शित करने के लिए सहायक कमांडेंट शंकरलाल जाट और पंकज हल्लू, हवलदार पंकज कुमार तथा सिपाही राम दुलारे और बलराम टूरु को सम्मानित किया गया। कश्मीर में कुपवाड़ा में आतंकवादियों के खिलाफ अभूतपूर्व शौर्य प्रदर्शन के लिए निरीक्षक सुब्रमण्यम, सिपाही मोहम्मद अशरफ और मंधीर सिंह को तथा अनंतनाग में बैंक हमले में आतंकवादियों को मारने वाले हवलदार कौशल कुमार को तथा बिज बेहरा अनंतनाग में बीएसएफ़ के काफिले पर आतंकी हमले के दौरान शौर्य प्रदर्शन करने वाले सहायक उपनिरीक्षक नंद किशोर को सम्मानित किया गया। सराहनीय सेवाओं के लिए आरएएफ के डीआईजी दिलीप कुमार और संजय कुमार को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आरएएफ के जवानों ने कई हैरतअंगेज कारनामे पेश किए, आरएएफ के विशेष वाहनों की भी परेड कराई गई।
गौरतलब है की दंगे और दंगे जैसी स्थिति को नियंत्रित करने, कानून व्यवस्था से जुड़ी गंभीर समस्याओं के समाधान, भीड़ नियंत्रण और राहत तथा बचाव जैसे कार्यों को अंजाम देने के मकसद से 7 अक्टूबर 1992 को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की 10 बटालियनों को द्रुत कार्यबल आरएएफ की स्थापना की गई थी। बाद में जनवरी 2018 में इसमें 5 और बटालियनें जोड़ी गईं। दिल्ली में मुख्यालय के साथ ही आरएएफ की 15 बटालियनें देश के विभिन्न हिस्सों में फैली हैं। आपातकाल जैसी स्थिति में जनता के बीच कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा करने के उद्देश्य से आरएएफ काम करता है। देश के अलावा आरएएफ संयुक्तराष्ट्र के शांति मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। आरएएफ ने हैती, कोसोवों और लाइबेरिया में संयुक्तराष्ट्र शांति मिशन में योगदान दिया है। पहलीबार 7 अक्टूबर 2003 को आरएएफ को राष्ट्रपति ने निशान से सम्मानित किया। वर्ष 2017 को रजत जयंती समारोह के अवसर पर आरएएफ पर डाक विभाग ने टिकट भी जारी किया था।

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