स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 16 October 2018 01:47:53 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मियों को राज्यपाल राम नाईक ने लखनऊ जीपीओ में एक भव्य समारोह में डाक सेवा अवार्ड-2018 से सम्मानित किया। राष्ट्रीय डाक सप्ताह के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने वैयक्तिक श्रेणी में 6 डाककर्मियों और स्वच्छता हेतु 3 कार्यालयों सहित कुल 9 डाक सेवा अवार्ड प्रदान किए। लखनऊ जीपीओ के पोस्टमैन भरत सिंह, मैनपुरी में सहन शाखा डाकघर के ब्रांच पोस्टमास्टर सतेंद्र सिंह, क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के डाक सहायक नीतीश गौड़, परिमंडल कार्यालय लखनऊ के अनुभाग पर्यवेक्षक रंजीत सिंह, उरई उपमंडल झांसी के सहायक डाक अधीक्षक राजीव तिवारी और गाजियाबाद मंडल की प्रवर डाक अधीक्षक प्रियंका मिश्रा को 'डाक सेवा अवार्ड' के तहत प्रशस्ति पत्र और नकद राशि देकर राज्यपाल ने सम्मानित किया। स्वच्छतम कार्यालय के तहत डाकघर श्रेणी में लखनऊ जीपीओ, रेल डाक सेवा कार्यालय श्रेणी में झांसी आरएमएस और स्पीड पोस्ट सेंटर श्रेणी में स्पीड पोस्ट सेंटर आगरा को सम्मान मिला।
राज्यपाल राम नाईक ने इस अवसर पर कहा कि 1 अक्टूबर 1854 को भारतीय डाक विभाग की शुरूआत 701 डाकघरों के साथ हुई थी और 164 वर्ष की अवधि में पूरे देश में 1,55,015 डाकघर हैं एवं उत्तर प्रदेश में 17,600 डाकघर हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक को देश का पहला बचत बैंक होने का भी सम्मान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि संचार के बदलते साधनोंके साथ नवीन टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए डाकघरों ने जनोपयोगी सेवाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तमाम अग्रणी योजनाओं को डाक विभाग के माध्यम से प्रमुखता से लागू किया जा रहाहै। लखनऊ जीपीओ की स्थापत्य कला, सजावट और यहां के काउंटर मैनेजमेंट को देखकर राज्यपाल ने कहा की यहां आकर एयरपोर्ट की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 सितम्बर 2017 को भारतीय डाक भुगतान के नाम से महत्वपूर्ण बैंकिंग प्रणाली का शुभारम्भ किया था और दूर-दराज के गावों तक डाकघरों की पहुंच अपने आपमें ऐतिहासिक है।
राज्यपाल राम नाईक ने सुझाव दिया कि कम मूल्य के डाक टिकट की लागत उसके वास्तविक मूल्य से ज्यादा होती है, डाक टिकट छापने से कागज व्यर्थ होता है, जिससे पर्यावरण पर भी अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। राज्यपाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे एक लिफाफे पर 21 रुपये का डाक टिकट लगाने की आवश्यकता हो तो कभी-कभी देखने में आता है कि प्रेषक एक-एक रूपये के इक्कीस टिकटों का प्रयोग कर लेता है, उल्लेखनीय है कि राजभवन में इसी दृष्टि से फ्रैंकिंग मशीन का प्रयोग किया जाता है। राम नाईक ने कहा कि परिवर्तन के साथ कैसे काम होता है, आधुनिक डाकघर उसका उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि पहले डाक विभाग के डाकियों का बहुत महत्व होता था, लोग उनकी राह देखते थे, पहले डाक विभाग का नाम डाक एवं तार विभाग था, परंतु आज तार सेवा की जगह मोबाइल फोन ने ले ली है। विज्ञान की प्रगति पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए हमें वैज्ञानिक आविष्कारों से जुड़ना होगा।
उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्टमास्टर जनरल विनय प्रकाश सिंह ने उत्तर प्रदेश में डाक सेवाओं के बढ़ते कदम की चर्चा करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में डाक विभाग नई भूमिका निभाने के लिए तत्पर है, बचत, बैंकिंग, बीमा, ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में डाकघर नवीन टेक्नालॉजी के साथ लोगों की जरूरतें पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत तमाम सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का पैसा सीधे लोगों के खाते में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की तमाम सामाजिक सुरक्षा और जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियांवित करने के लिए डाक विभाग प्रतिबद्ध है। वीपी सिंह ने कहा कि डाक बैंकिंग के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है। लखनऊ परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की डाक सेवाओं के इतिहास में यह पहलीबार है जब राज्यपाल ने उत्कृष्ट सेवाओं हेतु डाक सेवा अवार्ड दिए हैं। उन्होंने कहा कि सम्मान और पुरस्कार सदैव प्रोत्साहन का कार्य करते हैं और लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य भी करते हैं, ऐसे में यह सुअवसर डाक विभाग को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
राष्ट्रीय डाक सप्ताह के कार्यक्रम में डाक सेवा पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में बरेली क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल आरकेबी सिंह, आगरा क्षेत्र की पोस्टमास्टर जनरल मनीषा सिन्हा, कानपुर क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल विनोद कुमार वर्मा, वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल प्रणव कुमार, गोरखपुर क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल संजय सिंह, निदेशक मुख्यालय राजीव उमराव, चीफ पोस्टमास्टर योगेंद्र मौर्य, सहायक निदेशक आरएन यादव, भोला शाह, आरके मिश्र, ओम प्रकाश चौहान, एपी अस्थाना, मधुसूदन मिश्र, टीपी सिंह और डाक विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ जेके अवस्थी ने किया।