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Saturday 20 October 2018 01:05:25 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि असत्य पर सत्य, अर्धम पर धर्म, बुराई पर अच्छाई तथा रावण पर भगवान श्रीराम की विजय के मार्ग को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने इस दिवस पर लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भगवान श्रीराम के प्रति अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीराम चरितमानस एक अद्भुत ग्रंथ है, जिसे लोग कथा, गीत, प्रवचन, कहानी तथा अन्य किसी न किसी रूपमें भक्तिमय संगीत के रूपमें प्रदर्शित कर आनंदित होते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा सुनना, सुनाना तथा देखना भवसागर में डुबकी लगाने जैसा होता है। राज्यपाल राम नाईक ने श्री रामलीला आयोजन समिति ऐशबाग लखनऊ में दशहरा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मैने मुंबई, दिल्ली तथा अन्य जगहों पर भी रामलीलाएं देखी हैं और लखनऊ की रामलीला भी सर्वश्रेष्ठ है, यहां के कलाकार रामलीला का बेहतर तरीके से मंचन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत प्रसंशनीय है कि यहां के कलाकार कुशलतापूर्वक रामलीला का मंचन कर सभी को मंत्रमुग्ध करते हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि रामायण के बारे में दुनिया में सबसे अधिक लिखा गया है, राम के बचपन से लेकर अंत तक अनेक कथाएं हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रचीनकाल में समुद्र के पार जाना अशुभ माना जाता था, तब भी भगवान श्रीराम की कथाएं इंडोनेशिया, श्रीलंका तथा थाइलैंड जैसे अनेक देशों में बिना संचार एवं संसाधन के पहुंचना अद्भुत है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान एवं ऐतिहासिकता का सम्मान करते हुए इलाहाबाद नाम प्रयागराज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने बम्बई के नाम को उसके प्राचीन नाम मुंबा देवी के नाम पर मुंबई करने का लोकसभा में प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वसम्मति से माना गया था। राम नाईक ने कहा कि नाम तो नाम होते हैं, इन्हें परिवर्तित नहीं किया जा सकता है, नाम प्रत्येक भाषा में अपने मूल रूपमें ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कोलकाता, मुंबई, मद्रास, बंगलूरू और त्रिवेंद्रम के नाम वहां की जनभावनाओं को देखते हुए परिवर्तित किए जा चुके हैं।
बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि रामलीला आयोजन समिति ऐशबाग पुरानी परम्परा को जीवित रखे हुए है, इसके लिए सभी लोगों को बधाई। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यहां पर रामलीला का और भव्य तथा शानदार आयोजन किया जाएगा, आयोजन समिति और सभी लोग मिलकर इसकी रक्षा करें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक प्रत्येक वर्ष यहां आकर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करते हैं, इनके आने से रामलीला की शोभा और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जो गौरव की बात है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि ऐशबाग की रामलीला ऐतिहासिक है। इसका आयोजन गोस्वामी तुलसीदास के शिष्यों ने 16वीं शताब्दी में शुरू किया था, जो आज देश की आधुनिकतम रामलीला बन चुकी है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने रामलीला की वेबसाइट का भी शुभारम्भ किया। ऐशबाग की रामलीला को अब वेबसाइट पर देखा जा सकेगा। रामलीला आयोजन समिति ने राज्यपाल राम नाईक, बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक को स्मृति चिन्ह तथा अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने भी लोगों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं। रामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल और रामलीला समिति के सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी ने इस आयोजन की सफलता और अतिथियों के आगमन के लिए आभार व्यक्त किया। रामलीला आयोजन में कवि सर्वेश अस्थाना और बड़ी संख्या में रामलीला देखने दर्शक पहुंचे।