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Friday 2 November 2018 12:39:37 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान केंद्र के 53वें वार्षिक दिवस समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में श्यामल, सुमित्रा दीक्षित, डी उपाध्याय, उमेश चंद्रा, विकास बरूआ, अनुज दीप, गंगा प्रसाद, शीतलाशंकर शुक्ल और अनूप कुमार प्रमुख थे। इस अवसर पर ओनीर जल के लिए डॉ आलोक धवन और उनके सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन, शोध पत्रों का संकलन, पर्यावरण प्रतिवेदन, समाचार पत्रों में सीएसआईआर-आईआईटीआर और संस्थान के संस्थापक डॉ एसएच जैदी की जन्मशती पर एक पुस्तक का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल राम नाईक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिए उसके वर्धापन या स्थापना दिवस का खास महत्व होता है और भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान केंद्र की 53 वर्ष की यात्रा गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि संस्थान केंद्र सरकार की योजनाओं को व्यवहारिक रूपसे सफल बनाने के लिए अनुसंधान कर रहा है। राम नाईक ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे किसानों के व्यवसाय को बढ़ाने और उनकी आय को दोगुना करने के लिए गंभीरता से विचार व अनुसंधान करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों की आय को दोगुना करने की बात कही है और उनके लिए कई कारगर प्रयास भी किए हैं। राम नाईक ने कहा कि खेती के लिए उपयोग किए गए रासायनिक उर्वरक का खेती की जमीन पर प्रतिकूल असर होता है, ऐसे अनुसंधान के लिए यह एक चुनौती है कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को कैसे बढ़ाया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के बाद निःसंदेह देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है। राम नाईक ने कहा कि 1965 में हिंदुस्तान-पाकिस्तान युद्ध के समय खाद्यान्न की कमी के कारण भारत के प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ और अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय विज्ञान’ का नारा देश को दिया। संस्थान के निदेशक डॉ आलोक धवन ने संस्थान के इतिहास और वर्तमान प्रगति पर विस्तृत प्रकाश डाला। समारोह में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव, प्रोफेसर आरके खंडाल, डॉ डीकार चौधरी, डॉ अनुराग अग्रवाल, डॉ केसी खुल्बे और संस्थान के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।