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Friday 2 November 2018 05:42:04 PM
लखनऊ। दीपावली का पर्व जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे ही उसकी विभिन्न स्तरीय तैयारियां भी जोरों पर हैं। दीपावली पर बच्चे और बाकी सभी उम्र के लोग सदैव से आतिशबाजी को लेकर बहुत उत्सुक रहते हैं, लेकिन आतिशबाजी के बुरे प्रभावों की अनदेखी करते हैं। आतिशबाजी स्वास्थ्य से लेकर पर्यावरण तक पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर सरकार, स्कूलों और सामाजिक संस्थाओं ने आतिशबाजी के विरुद्ध जनजागरण अभियान चलाया हुआ है। ऐसे ही लखनऊ के छोटे बच्चों के एक प्रसिद्ध स्कूल किड्ज़ी ने आतिशबाजी के प्रति जागरुकता प्रदर्शित करते हुए आईटी चौराहा शाखा पर दीपावली पर्व मनाया, जिसमें बच्चों को आतिशबाजी से दूर रखते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक किया गया।
किड्ज़ी स्कूल ने आज सुबह अपने बच्चों और विद्यालय के शिक्षकों कर्मचारियों के साथ पटाखा विरोधी रैली निकाली। बच्चों ने रैली में नारे लगाए कि 'आतिशबाजी को नहीं कहें, हमें धूम्रपान मुक्त दीवाली दें'। विद्यालय की महाप्रबंधक नीलू गोयल ने विद्यालय परिसर में एक जागरुक सभा की, जिसमें उन्होंने दीपावली पर रोशनी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पर्व को आतिशबाजी और पटाखों से मुक्त रखना चाहिए। उन्होंने चिंता जताई कि पटाखों के शोर और धुएं से गंभीर रोग हो रहे हैं, इसलिए हर व्यक्ति को चाहिए कि वह जीवन को रोशनी से भरे न कि धुएं और पटाखों से। विद्यालय की प्रधानाचार्या भावना प्रजापति ने बच्चों को संकल्प दिलाया कि वे पटाखों का उपयोग न करें। उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व है न कि उसे पटाखों से प्रदूषित करने का पर्व है। बच्चे अपने टीचरों से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने एक रैली में इस संकल्प के प्रति एकजुटता दिखाई। इस अवसर पर आलोक गोयल, हलीम अंसारी और दीपाली सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय है।