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Thursday 15 November 2018 12:45:07 PM
लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में श्रीराम मंदिर मामले पर सुनवाई टलने से करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश है, क्योंकि हिंदुओं का विश्वास है वहां सिर्फ श्रीराम जन्मभूमि है और कोर्ट का भी यही पक्ष है। चम्पत राय ने मीराबाई मार्ग लखनऊ स्थित राज्य अतिथिगृह में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद हिंदू समाज की भावनाओं को देखते हुए अयोध्या में 25 नवम्बर 2018 को पूर्वाह्न 11 बजे परिक्रमा मार्ग के बड़ा भक्त माल की बगिया में विराट धर्मसभा करेगी, जिसके लिए 12 नवम्बर को भूमि पूजन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आस्था को समझना होगा, श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए यह पांच सौ साल का संघर्ष है और अब मंदिर की प्रतीक्षा असह्य हो रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामघाट पर श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की तराशी का कार्य लगभग पूरा हो गया है।
विहिप उपाध्यक्ष चम्पत राय ने सुप्रीम कोर्ट के टालमटोल वाले रवैये पर सवाल उठाया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय से न्याय की अपेक्षा होती है और अब वही न्याय करने से बच रहा है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय की इस टिप्पणी को चोट पहुंचाने वाला बताया, जिसमें देश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि राम मंदिर भूमि विवाद का मुकद्मा उनकी प्राथमिकता में नहीं है। चम्पत राय ने कहा राम मंदिर का मुकद्मा सितम्बर 2018 में ही समाप्त हो चुका होता पर इसे जानबूझकर लोकसभा चुनाव तक ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में होने वाली धर्मसभा में करीब एक लाख हिंदू शामिल हो सकते हैं और 9 दिसम्बर को दिल्ली की धर्मसभा में एकत्रित होने वाले रामभक्तों की संख्या पांच लाख तक हो सकती है, इसलिए हिंदुओं की भावना और आस्था को सरकार एवं अदालत दोनों को समझना चाहिए।
विहिप के प्रांत संगठन मंत्री भोलेंद्र ने भी कहा कि राम जन्मभूमि का मामला देश के स्वाभिमान से जुड़ा है, हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है, अगर कोर्ट ने उस वक्त 3 दिसम्बर 1992 के निर्णय को 12 दिसम्बर पर नहीं टाला होता तो 6 दिसम्बर को कथित बाबरी मस्जिद के ढांचे का विध्वंस नहीं होता। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर श्रीराम मंदिर विरोधियों ने इतना दबाव बनाया कि वह श्रीराम मंदिर पर निर्णय करने की हिम्मत नहीं जुटा सके और 29 नवम्बर से नियमित सुनवाई का निर्देश देकर वह सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व मुख्य न्यायाधीश का निर्देश भी नहीं सुना और दो मिनट के अंदर दो महीने के लिए श्रीराम मंदिर भूमि विवाद की सुनवाई को टालकर हिंदू समाज को उद्वेलित करने का काम किया है। भोलेंद्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से हिंदू समाज अपमानित एवं कुंठित है, अब एक ही मार्ग बचा है कि केंद्र सरकार संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।
विहिप नेता भोलेंद्र ने कहा कि धर्मसभा का आयोजन सरकार और कोर्ट दोनों को संदेश देने के लिए है, हम कोर्ट पर कोई दबाव नहीं बना सकते, लेकिन देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की इच्छा जाहिर कर सकते हैं। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री ने कहा कि संत और धर्माचार्यों के नेतृत्व में अयोध्या में 25 नवम्बर को विशाल धर्मसभा होगी और इसी नवम्बर माह में ही सभी संसदीय क्षेत्रों में विशाल जनसभाएं होंगी। उन्होंने कहा कि वहां की जनता एक बड़े और व्यापक प्रतिनिधिमंडल के साथ पूज्य संतों के नेतृत्व में स्थानीय सांसदों से मिलेगी और उनसे संसद में कानून बनाकर श्रीराम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह करेगी। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण बिना किसी बाधा के हो सके, इसके लिए 26 दिसम्बर तक देश के प्रत्येक पूजा स्थान मठ, मंदिर, आश्रम, गुरूद्वारा और घरों में स्थानीय परम्परा के अनुसार अनुष्ठान होंगे। प्रेस कॉंफ्रेंस में मीडिया प्रमुख ऋषि कपूर और विहिप के पदाधिकारी भी मौजूद थे।