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Saturday 17 November 2018 12:40:42 PM
लखनऊ। एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने 16 नवंबर को दो अंतर्राष्ट्रीय कछुआ तस्करों से लखनऊ में 1583 कछुए बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। कछुआ तस्करों के नाम सुशांतो सरकार पुत्र बोचन सरकार, निवासी नया गोपालगंज, थाना बनगांव जनपद चौबीस परगना नार्थ, पश्चिम बंगाल और सैफ अली पुत्र फखरूल अहमद निवासी मेवाती टोला थाना कोतवाली जनपद इटावा हैं। एसटीएफ ने बताया कि 1583 कछुओं में से 1437 जीवित हैं और बाकी 146 मृत हैं। कछुओं की तस्करी के लिए प्रयुक्त ट्रक संख्या यूपी-84एफ-9507, तीन मोबाइल फोन, एक वोटर आईडीकार्ड, दो डीएल मूल एवं छाया प्रति और 815 रुपये बरामद हुए हैं।
गौरतलब है कि ऐसे और ये उत्तर प्रदेश की कछुए यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा, गंडक आदि नदियों, उनकी सहायक नदियों, तालाबों आदि में बहुतायत में पाए जाते हैं। एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की एक टीम पुलिस उपाधीक्षक सत्यसेन के नेतृत्व में वाइल्ड लाइफ संरक्षण हेतु कार्य कर रही है, उसे अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि जनपद इटावा से बड़े स्तर पर विभिन्न प्रजातियों के कछुओं की तस्करी का कार्य किया जा रहा है। एसटीएफ को यह भी जानकारी हुई कि कछुओं के तस्कर उन्हें बेचने के लिए पश्चिम बंगाल के व्यापारियों के संपर्क में रहते हैं, जहां से कछुए बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग, मलेशिया जैसे अनेक देशों में भेजे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि सैक्स साधन के लिए इन देशों के लिए कछुओं की बड़ी तस्करी होती है और ये कछुए भारत की नदियों में आसानी से सुलभ हो जाते हैं।
एसटीएफ के निरीक्षक राजेश त्रिपाठी के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने अत्यंत परिश्रम से जमीनी सूचना एवं अन्य स्रोतों से अभिसूचना एकत्र की। एसटीएफ को मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि पश्चिम बंगाल से कुछ तस्कर जनपद इटावा और आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय तस्करों के साथ मिलकर भारी मात्रा में कछुओं की तस्करी की तैयारी कर रहे हैं तथा उनकी सप्लाई करने हेतु लखनऊ होते हुए ट्रक से पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं। इस सूचना पर वन विभाग लखनऊ की टीम को साथ लेकर एसटीएफ ने बंथरा के पास से मोहनलाल गंज को जाने वाली रोड पर चैकिंग स्थल से पहले ही ट्रक को रोक लिया, जिसमें ये दोनों तस्कर मिले और ट्रक में कछुए भरे मिले। एसटीएफ का कहना है कि ट्रक में बैठे तीन अन्य तस्कर देवेंद्र, किशन और सोनू भागने में सफल हो गए। सामाजिक वानिकी प्रभाग लखनऊ वन रेंज में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है।
एसटीएफ उत्तर प्रदेश का कहना है कि उसने भारत सरकार के वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की पहल पर पिछले कई वर्ष में उत्तर प्रदेश में कछुओं की तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई की है। भारत में पाई जाने वाली कछुओं की 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियां उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर पाई जाती हैं, जिनमें से 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है। जीवित कछुए के माँस अथवा पालने अथवा कछुए की झिल्ली को सुखाकर शक्तिवर्धक दवा के लिए यह अवैध व्यापार किया जाता है। कछुओं को मुलायम कवच तथा कठोर कवच के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।