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Monday 19 November 2018 12:10:34 PM
लखनऊ। लखनऊ में टिकैतराय तालाब के राम जानकी मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को कल्याणी देवी ने सुदामा चरित प्रसंग सुनाया, जिससे श्रोतागण बहुत भावविभोर हुए। सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता की चर्चा करते हुए कल्याणी देवी ने बताया कि सुदामा के आने की ख़बर पाकर किस प्रकार श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक गए-'पानी परात को हाथ छुवो नही, नैनन के जल से पग धोए।' उन्होंने इसका भाव व्यक्त करते हुए कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण अपने बाल सखा सुदामा की आवभगत में इतने विभोर हो गए कि द्वारका के नाथ हाथ जोड़कर और अंग लिपटकर जल भरे नेत्रों से सुदामा का हालचाल पूछने लगे।
कल्याणी देवी ने कहा कि इस प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मित्रता में धन, दौलत आड़े नही आती है, यश, मान सम्मान धन दौलत से नहीं, बल्कि सद्कर्म से मिलता है। उन्होंने कहा कि अपनी इंद्रियों को जो वश में कर ले वही सुदामा है। कथा के दौरान लोगों के आंखों में आंसू छलक आए। कथा में उन्होंने एक भजन अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, दर पे सुदामा गरीब आ गया है, भी सुनाया। कथा में संकट मोचन शांति आश्रम के महंत श्रीरामचंद्र दास महाराज, संदीप तिवारी, रेनू गुप्ता, ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे, सत्य प्रकाश मित्तल, एसडी पांडेय और दीपेंद्र मिश्र भी मौजूद थे।