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Thursday 22 November 2018 03:11:50 PM
लखनऊ। दलित उद्योगपतियों के संगठन दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री यानी डिक्की के सम्मेलन को संबोधित करते हुए दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है कि अनुसूचित जाति के लोगों को रोज़गार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोज़गार प्रदान करने वाला बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में डिक्की महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। राजधानी लखनऊ में आयोजित इस सम्मेलन में डिक्की के फाउंडर चेयरमैन पद्मश्री मिलिंद कांबले और खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री अनिल राजभर भी उपस्थित थे।
डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम हर साल एक लाख अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवारों को रोज़गार से जोड़ रहा है और इसके लिए भारत सरकार से वित्त विकास निगम को इस वित्तीय वर्ष हेतु 68 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश में सरकारी नौकरियों की संख्या मात्र दो करोड़ के आसपास है और आरक्षण के पद मात्र 44 लाख बनते हैं, अतः देश के 30 करोड़ दलितों को मात्र सरकारी नौकरियों के सहारे संतुष्ट नहीं किया जा सकता है, इसलिए इन वर्गों को रोज़गार से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि डिक्की के साथ जुड़कर उत्तर प्रदेश के दलितों को रोज़गार से जोड़ा जाएगा।
डिक्की के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंद कांबले ने कहा कि देश के दलितों की आर्थिक स्थिति में बदलाव के लिए डिक्की सभी प्रदेशों में दलितों को उद्यमिता से जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं और उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति के युवाओं को इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु डिक्की विशेष अभियान चलाएगा। उन्होंने कहा कि नोएडा में शीघ्र ही दलित उद्योगपतियों का राष्ट्रीय समागम होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री अनिल राजभर ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण विभाग डिक्की को उद्योग लगाने के लिए पूरा सहयोग करेगा।