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Tuesday 4 December 2018 05:26:09 PM
लखनऊ। सीएसआईआर-नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और इंडियन सोसाइटी ऑफ प्लांट फिजियोलॉजी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमतीनगर लखनऊ में संयुक्त रूपसे आयोजित चौथे इंटरनेशनल प्लांट फिजियोलॉजी कांग्रेस में आज विशिष्ट व्याख्यान सत्र एवं पोस्टर सत्र में विभिन्न शोधार्थियों ने 400 से अधिक पोस्टरों के माध्यम से अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। विशिष्ट व्याख्यानों में यूनाइटेड किंगडम के लीड्स विश्वविद्यालय की डॉ क्रिस्टीन फोयर ने 'एंटी ऑक्सीडेंट एंड सेलुलर रीडोक्स होम्यो स्टैसिस' विषय पर प्रस्तुत अपने शोध में पौधे की वृद्धि तथा विभिन्न जैविक अथवा अजैविक तनावों के दौरान पौधे की प्रतिक्रियाओं के नियंत्रण में ऑक्सीडेंट एवं एंटीऑक्सीडेंट पदार्थों की भूमिका की विवेचना की। उन्होंने बताया कि कोशिकाओं में ऊर्जा के निर्माण एवं उपभोग की प्रक्रियाएं चलती रहती हैं, जिन्हें रिडोक्स प्रक्रियाएं कहा जाता है, इनके नियमन कुछ विशिष्ट आणुविक संकेत होते हैं, जो इन प्रक्रियाओं के नियमन से पौधों के विकास एवं वृद्धि के साथ विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति पौधे की प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
स्पेन से आए ज़ोम मार्टीनेज गार्सिया ने बताया कि पौधों को अपने आसपास उग रहे पौधों एवं चारों ओर घनी होती आबादी का एहसास हो जाता है, ये एहसास उन्हें घटती या बढ़ती छाया के आधार पर होता है। उन्होंने अपने शोध में इस क्रिया से संबंधित कोशिकीय तंत्र के बारे में जानकारी दी। अमरीका के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय के डॉ ओपी डांडेकर ने भविष्य की खाद्य एवं ईंधन आवश्यकताओं के संदर्भ में चर्चा करते हुए खाद्य तेलों एवं जैव ईंधन हेतु बीजों की मेटाबोलिक अभियांत्रिकी के विषय में बताया। उन्होंने इस संदर्भ में एक प्रमुख ईंधन तेल उत्पादक पौधे कैमिलाइना सैटाइवा तथा खाद्य तेल उत्पादक पौधों भारतीय सरसों एवं सोयाबीन में तेल की मात्रा बढ़ाने पर किए जा रहे अपने शोध को प्रस्तुत किया। एक विशेष युवा वैज्ञानिक सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें 14 युवा वैज्ञानिकों ने अपने शोध को प्रस्तुत किए। इस सत्र में प्रदर्शन के आधार पर तीन विजेताओं का चयन किया जाएगा, जिन्हें समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
इंटरनेशनल प्लांट फिजियोलॉजी कांग्रेस में कई कार्यशालाएं भी हुईं, पहली कार्यशाला 'पौधों में फीनोमिक्स' विषय पर हुई, दूसरी कार्यशाला में सीएसआईआर-एनबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एसके तिवारी एवं उनकी टीम ने उद्यमिता हेतु पुष्पकला तकनीकी विषय पर प्रतिभागियों को जानकारी दी। एक सत्र विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के लिए भी आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं एवं उद्योगों के बीच संवाद स्थापित करना है, जिससे औद्योगिक शोधकर्ताओं को पादप विज्ञान के क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधानों की जानकारी दी जा सके, वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिकों को भी औद्योगिक तकनीकों एवं प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी मिल सके, ताकि वे ऐसी तकनीकों अथवा प्रौद्योगिकियों के विकास पर कार्य कर सकें।