रत्नेश मौर्य
Saturday 13 April 2019 01:23:57 PM
लखनऊ। सोशल मीडिया और ब्लॉगिंग का दौर अपने चरम पर है। हिंदी का प्रथम ब्लॉग 'नौ दो ग्यारह' 21 अप्रैल 2003 को बना था, तबसे इसने कई पड़ाव पार किए हैं। हिंदी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में एक ऐसा भी परिवार है, जिसकी तीन पीढ़ियां ब्लॉगिंग से जुड़ी हैं। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव एवं पुत्री अक्षिता का नाम ब्लॉगिंग के क्षेत्र में हर कोई जानता है। मूलत: आजमगढ़ जनपद के निवासी कृष्ण कुमार यादव केपिताश्री राम शिवमूर्ति यादव भी ब्लॉगिंग से जुड़े हुए हैं। सार्क देशों के सर्वोच्च परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान से सम्मानित एवं नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित तमाम देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले कृष्ण कुमार यादव जहां अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता हेतु 'शब्द-सृजन की ओर' ब्लॉग लिखते हैं, वहीं डाक विभाग को लेकर 'डाकिया डाक लाया' उनका ब्लॉग भी काफी चर्चा में रहता है।
हिंदी ब्लॉग 'शब्द-शिखर' को वर्ष 2015 में सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूपमें चुना गया। इस ब्लॉग की मॉडरेटर आकांक्षा यादव को हिंदी में ब्लॉग लिखने वाली शुरूआती महिलाओं में गिना जाता है। ब्लॉगर दम्पति कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को 'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति' 'परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान' के अलावा उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा नवम्बर 2012 में 'न्यू मीडिया एवं ब्लॉगिंग' में उत्कृष्टता के लिए 'अवध सम्मान' से भी विभूषित किया जा चुकाहै। श्रीकृष्ण यादव दम्पति ने वर्ष 2008 में ब्लॉग की दुनिया में कदम रखा था और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लॉग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लॉगिंग की प्रेरणा दी। इस तरह उन्होंने साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लॉगिंग को भी नए आयाम दिए हैं। नारी सम्बंधी मुद्दों पर प्रखरता से लिखने वालीं आकांक्षा यादव का मानना है कि न्यू मीडिया के रूपमें प्रसिद्ध ब्लॉगिंग ने नारी-मन की आकांक्षाओं को मुक्ताकाश दे दिया है, यही कारण है कि आज एक लाख से भी ज्यादा हिंदी ब्लॉग में लगभग एक तिहाई ब्लॉग महिलाएं संचालित कर रही हैं।
ब्लॉगर दम्पति श्रीकृष्ण यादव की पाखी के नाम से विख्यात 12 वर्षीय सुपुत्री अक्षिता को भारत की सबसे कम उम्र की ब्लॉगर माना जाता है। अक्षिता की प्रतिभा को देखते हुए भारत सरकार नेवर्ष 2011 में उसे राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, वहीं अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में श्रीलंका में उसे परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उसके ब्लॉग का नाम है-'पाखी की दुनिया',जिसे विदेशों में भी देखा-पढ़ा जाता है। हिंदी ब्लॉगिंग की दशा और दिशा पर पुस्तक लिख रहे ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ब्लॉग आज सिर्फ जानकारी देने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि संवाद, प्रतिसंवाद, सूचना विचार और अभिव्यक्ति का भी सशक्त ग्लोबल मंच हैं। वे बताते हैं कि आज हर आयु-वर्ग के लोग इसमें सक्रिय हैं, शर्त सिर्फ इतनी है कि की-बोर्ड पर अंगुलियां चलाने का हुनर होना चाहिए। उनका कहना है कि ब्लॉग लोगों के लिए अपनी बात कहने का सशक्त माध्यम बन चुका है, यही वजह है कि राजनीति की दुनिया से लेकर फिल्म जगत, साहित्य से लेकर कला और संस्कृति से जुड़े तमाम नाम ब्लॉगिंग से जुडे हुए हैं।