

मुंबई फिल्मों में अक्सर एक छोटा सा बच्चा फुटपाथ पर बूट-पॉलिश करता है और उसके सामने पॉलिश का पैसा फेंक देने पर वह स्वाभिमान में अकड़ते हुए डॉयलॉग बोलता है कि 'साहब वह मेहनत का पैसा ले रहा है न कि कोई भीख।' बूट-पॉलिश कराने वाला साहब उससे प्रभावित होता है और फिर उसके हाथ में पैसे दे देता है। वास्तविकता देखनी हो तो मुंबई आइए जहां...

किशोर दा! क्या आप सुन रहे हैं कि आज दुनिया आपके सदाबहार गीतों को कितनी शौक से गा रही है और गुनगुना रही है। आज का दिन हम सबके लिए इसलिए भावनात्मक और यादगार है क्योंकि इस दिन आपने हमसे अचानक कहा अच्छा तो हम चलते हैं। क्या आपने ये गाना आज के लिए ही गाया था? आपको हरेक रूप में और हर रंग में ढूंढ लिया जाता है। कौन कहता...

देवधर ट्राफी जैसी प्रतियोगिता को स्थगित किया गया है तो दूसरी तरफ घरेलू क्रिकेट की स्थापित प्रतियोगिताओं पर कारपोरेट टूर्नामेंट और आईपीएल चैपियंस टूर्नामेंट को तरजीह दी गई है। एक ओर जहां इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट ढांचे को मजबूत किया जा रहा है वहीं भारत में इसे हाशिये पर धकेला जा रहा है। यदि इसी तरह से...

मनोरंजन चैनल को ऑन करते ही कुछ नवोदित गवैये कुछ अंजाने निर्णायकों के सामने गानों की शक्ल में चिल्लाते और उछलते कूदते असंगत पौशाकों में नजर आएंगे। इससे यह पता चलना कोई आसान काम नहीं है कि यह प्रतियोगिता गाने की है या उछल कूदने की। किसी ऐसी सुर प्रतियोगिता के जरिए प्रतिभा का आंकलन नहीं किया जा सकता।...