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Monday 25 March 2013 08:45:52 AM
लखनऊ। इटावा में प्रेम संबंध में लड़के-लड़की के गांव से भाग जाने पर लड़की पक्ष के लोगों ने गांव के सजातीय सहयोगियों के साथ मिलकर लड़के पक्ष के ब्राह्मण परिवारों के सदस्यों का मुंह काला कर जूतों की माला पहनाई और उनका गांव में अपमान करते हुए जुलूस निकाला। इस घटना का शोर राजधानी लखनऊ और जहां-तहां है। इस अपमान पर पुलिस शर्मनाक तरीके से चुप्पी मार गई जिससे यह मामला ब्राह्णों के अपमान का कारण बन गया।
इटावा के संतोषपुर (इटगांव) गांव की यह घटना है,जो यादवों और ब्राह्मणों के बीच की है। जानकारी के अनुसार विगत दिनों एक ब्राह्मण परिवार के सदस्यों के साथ हुई इस अमानवीय घटना की वस्तुस्थिति की जानकारी करने कांग्रेस कमेटी का पांच सदस्यीय जांच दल भी रविवार को इटावा पहुंचा। जांच दल में पूर्व विधायक नेकचंद्र पांडेय, पूर्व विधायक माधव प्रसाद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह, यूनिट के सह चेयरमैन सुरेश चंद्र वर्मा एवं बुंदेलखंड जोन के सह चेयरमैनयुवराज भदौरिया शामिल थे। जांच दल के सदस्यों ने ब्राह्मण परिवार के साथ घटित घटना की परिवार के सदस्यों एवं ग्रामवासियों से मुलाकात कर विस्तृत जानकारी ली।
जांच दल के सामने जो मामला आया, उससे साबित हुआ कि प्रशासन की लापरवाही के चलते यह घटना हुई है। मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के बावजूद भी अभी तक कोई मंत्री घटनास्थल पर नहीं पहुंचा है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के पहुंचने के बाद प्रशासन हरकत में आया और डीआईजी घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते ही यह घटना घटित हुई है। उन्होंने बताया कि ब्राह्मण परिवार के लड़के एवं यादव बिरादरी की लड़की से प्रेम विवाह करने को लेकर यह घटना घटित हुई है।
जांच दल ने एक ओर जहां ब्राह्मण परिवार से मुलाकात की वहीं, दूसरी ओर लड़की के परिजनों से भी मुलाकात कर घटना का विस्तृत विवरण प्राप्त किया। लड़के और लड़की के घर से भाग जाने के चलते लड़की के परिजनों ने गांव के अन्य सजातीय लोगों के साथ मिलकर पांच-सात ब्राह्मण परिवार के लोगों को गले में जूते की माला पहनाकर एवं उनका मुंह काला कर आपत्तिजनक स्थिति में पूरे गांव में घुमाया।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते यह गंभीर घटना घटित बताई जाती है, यदि स्थानीय पुलिस शुरू में ही सजग होती तो शायद ऐसी घटना न होती। इस घटना में पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पांच लोगों को थाने पर बुलाकर मुचलके पर छोड़ दिया। गांव में दहशत एवं आक्रोश व्याप्त है। इस घटना को सदन में भी उठाया गया, मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की सपा सरकार में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था ने इस घटना में सरकार की पूरी तरह से कलई खोल कर रख दी है।
कांग्रेस जांच दल ने मांग की है कि लड़के और लड़की को बरामद किया जाए तथा गांव से पलायन कर गए लोगों की वापसी सुनिश्चित कराकर गांव में शांतिपूर्ण माहौल बहाल किया जाए। लड़के और लड़की से वस्तुस्थिति की सही जानकारी प्राप्त कर इस घटना की न्यायिक जांच कराकर उन दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया और उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाए जिन्होंने इसमें लापरवाही बरती।