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Friday 14 February 2020 02:44:07 PM
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सम्मान समारोह में कहा है कि अभिव्यक्ति का एक शक्तिशाली माध्यम नृत्य और नाट्य भी है और कन्या भ्रूण हत्या, दहेज, मादक पदार्थ सेवन आदि अनेक सामाजिक बुराइयों को दूर करने एवं समाज में स्वस्थ संदेश प्रसारित करने के लिए नाट्य कला का प्रयोग किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्राचीनकाल से ही संगीत, साहित्य और नाट्य विधाओं का गौरवशाली महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि नाट्य कला मानवजीवन के विभिन्न पक्षों तथा अनेक सामाजिक बुराइयों को दूर करने में अहम भूमिका का निर्वाह करती है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल सांस्कृतिक क्षेत्र है, जिसकी विविध समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के प्रशिक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश में कला के प्रति जागरुकता लाने, नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने, विलुप्त हो रही विधाओं के प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन में अनुकरणीय योगदान दे रही है। आनंदीबेन पटेल ने अकादमी अभिलेखागार में संग्रहित समस्त संगीत, नृत्य एवं नाट्य कार्यक्रमों की आडियो-वीडियो हेतु अकादमी को विशेष रूपसे बधाई दी। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के वर्ष-2009 से 2019 तक के अकादमी सम्मान, सफदर हाशमी पुरस्कार, बीएम शाह एवं रत्न सदस्य सम्मान प्रदान किए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संगीत अकादमी के सर्वोच्च सम्मान ‘रत्न सदस्य’ से वर्ष 2009 के लिए विव श्रीखंडे मुम्बई, वर्ष 2010 के लिए सत्यभान शर्मा आगरा, वर्ष 2011 के लिए चितरंजन ज्योतिषी वाराणसी, वर्ष 2012 के लिए पंडित राजेश्वर आचार्य वाराणसी, वर्ष 2013 के लिए मालिनी अवस्थी लखनऊ को सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि 2009 से अब तक लम्बित संगीत नाटक अकादमी सम्मान से विभिन्न विधाओं के कलाकारों एवं विभूतियों को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाना गौरव की बात है। समारोह में संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ पूर्णिमा पांडेय, प्रमुख सचिव संस्कृति जितेंद्र कुमार, अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ धन्नू लाल गौतम, अकादमी के सचिव तरुण राज और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस दौरान कथक कला केंद्र के कलाकारों ने राज्यपाल के समक्ष ‘गंगावतरण’ नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।