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लॉकडाउन-2 देश में सख्ती के साथ लागू हुआ

दुनिया ने माना भारत का लोहा, लेकिन देश में असहयोग

केजरीवाल और उद्धव कोरोना से लड़ने में विफल हुए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 16 April 2020 01:14:08 PM

corona virus

नई दिल्ली। लॉकडाउन-2 देश में सख्ती के साथ लागू हो गया है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं है और बाकी क्षेत्रों में भी सुरक्षा एजेंसियां लॉकडाउन को सख्ती से लागू करा रही हैं। कोरोना से निपटने के लिए भारत सरकार ने जो प्रबंध किए हैं, उनकी विश्वव्यापी सराहना हो रही है, लेकिन यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष है कि अपने ही देश में एक समुदाय के लोग न केवल लॉकडाउन में असहयोग अपितु उसकी अव्हेलना कर रहे हैं, कोरोना वॉरियर्स के साथ अभद्रता मारपीट और पत्थरबाजी हिंसा कर रहे हैं। यद्यपि पूरे देश में इन पत्थबाजों की थू-थू और आलोचना हो रही है। स्थामनीय प्रशासन को भी विभिन्न स्थाशनों पर इनके विरुद्ध रासुका में निरुद्ध करने जैसी कार्रवाई करनी पड़ रही है। डाक्टर, नर्सेस और पुलिस भी अपने ऊपर इनके हमलों के बावजूद कोरोना का डटकर सामना कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य ने कोरोना पर पूरा काबू पाया हुआ है, जबकि महाराष्ट्र में यह महामारी सर चढ़कर नाच रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हॉटस्पॉट मॉडल को कोरोना के खिलाफ निर्णायक उपाए माना गया है। जहां तक राजधानी दिल्ली का सवाल है तो यहां पर भी हालात बहुत चिंताजनक हैं, जोकि केजरीवाल सरकार की विफलता के कारण गंभीर हुए हैं। केजरीवाल सरकार दिल्ली में रहने वाले दिल्ली के बाहर के लोगों को उनकी पूरी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी लेकर भी उनका ध्यान नहीं रख पा रही है, यही कारण है कि दिल्ली में काम करने वाले मजदूर तबके के लोग बार-बार दिल्ली छोड़कर अपने घरों की ओर भागने की कोशिश कर रहे हैं। लॉकडाउन तोड़ने से रोकना भी आवश्यक है। दिल्ली और महाराष्ट्र में यह स्थिति वहां की सरकारों की बदइंतजामी के कारण पैदा हुई है। केजरीवाल सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज में जमात के लोग मनमानी करते रहे और इस सरकार के मंत्री लॉकडाउन तुड़वाते रहे। यदि तबलीगी जमात पर काबू पा लिया गया होता तो देश में कोरोना संक्रमण रुक जाता और लॉकडाउन-2 की नौबत ही न आती।
बहरहाल कोविड-19 को रोकने के लिए भारत में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ाया गया है। देश के कई राज्यों ने भी केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि लॉकडाउन बढ़ा दिया जाना चा‌हिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिर 14 अप्रैल को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा ‌कि चुनिंदा आवश्यक गतिविधियों को 20 अप्रैल से देश के चिन्हित क्षेत्रों में शुरु करने की अनुमति दी जाएगी। प्रधानमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप गृह मंत्रालय ने समेकित और संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, जिनमें देशभर में निषिद्ध गतिविधियों, नियंत्रित क्षेत्रों की गतिविधियों और चुनिंदा गतिविधियों को 20 अप्रैल से देश के बाकी हिस्सों में चलाने या जारी रखने की अनुमति होगी। संशोधित दिशा-निर्देशों का उद्देश्य लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान हासिल किए गए लाभों को समेकित करना है, कोविड-19 के प्रसार को कम करना है और साथ ही किसानों, मजदूरों और दैनिक मजदूरी करने वालों को राहत प्रदान करना है।
देशभर में निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है-हवाई, रेल और सड़क मार्ग से यात्रा,शैक्षिक और प्रशिक्षण संस्थानों का संचालन,औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां,आतिथ्य सेवाएं, सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, थिएटर इत्यादिका संचालन,सामाजिक, राजनीतिक और अन्य कार्यक्रम तथा धार्मिक सभाओं सहित आम लोगों के लिए धार्मिक स्थानों व पूजा स्थलों को न खोलना। कुछ निश्चित राष्ट्रीय दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं जैसे-सार्वजनिक स्थानों तथा कार्यस्थलों पर अनिवार्य रूपसे घर में बने मास्क का उपयोग, स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल के उपाय यथा सैनिटाइज़र, शिफ्ट में अंतर, आवागमन पर नियंत्रण, थर्मल स्क्रीनिंग और थूकने के लिए जुर्माना आदि। संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत 20 अप्रैल से उन क्षेत्रों में गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी जिन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों एवं जिला प्रशासनों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र के रूपमें चिन्हित किया गया है। इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए जरूरी अर्थातचिकित्सा आपात स्थिति: कानून व्यवस्था और सरकारी कामों आदि को छोड़कर लोगों के किसी भी अनियंत्रित आवागमन की अनुमति नहीं दी जाएगी। जहां बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले हैं या मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, उन हॉटस्पॉट जिलों में रोकथाम के बहुत कड़े उपायों को लागू किया जाएगा। नियंत्रित क्षेत्रों को चिन्हित करने और नियंत्रण के उपायों के बारे में भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन क्षेत्रों में केवल आवश्यक सेवाओं की अनुमति दी जाएगी और कठोर सीमा नियंत्रण तथा आवागमन पर सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।
गृह मंत्रालय का कहना है कि 20 अप्रैल से अनुमति प्राप्त गतिविधियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि और संबंधित गतिविधियों का पूरी तरह से संचालन हो, ग्रामीण अर्थव्यवस्था अधिकतम दक्षता के साथ काम करे, दैनिक मजदूरों और श्रमबल के अन्य सदस्यों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा हों, पर्याप्त सुरक्षा उपायों और अनिवार्य मानक ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल के साथ चुनिंदा औद्योगिक गतिविधियों और डिजिटल अर्थव्यवस्था का संचालन हो। इसी तरह देश में कोविड-19 की रोकथाम को ध्यान में रखते हुए, कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देश निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें जिला मजिस्ट्रेट आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के नियमों के अनुरूप जुर्माना और दंडात्मक कार्रवाई के साथ लागू करेंगे। सभी तरह के सामानों के परिवहन की अनुमति होगी और इसमें आवश्यक या गैर-आवश्यक का फर्क नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार निम्न कार्यों के लिए भी अनुमति प्रदान की गई है-कृषि उत्पादों की खरीद के साथ कृषि कार्य, अधिसूचित मंडियों के माध्यम से कृषि विपणन तथा प्रत्यक्ष और विकेंद्रीकृत विपणन, विनिर्माण, उर्वरकों, कीटनाशकों तथा बीजों का वितरण तथा इनकी खुदरा बिक्री, समुद्री और देश के अंदर मत्स्यपालन की गतिविधियां, दूध की आपूर्ति श्रृंखला, दुग्ध उत्पाद समेत पशुपालन गतिविधियां, मुर्गी पालन, चाय, कॉफी और रबर के बागानों की गतिविधियां आदि।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले उद्योग जैसे-ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, सिंचाई परियोजनाएं, भवनों और औद्योगिक परियोजनाओं का निर्माण, सिंचाई और जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता देते हुए मनरेगा के कार्य और ग्रामीण कॉमन सर्विस सेंटर के संचालन की अनुमति दी गई है, जिनसे प्रवासी श्रमिकों सहित ग्रामीण श्रमिकों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। एसईजेड, ईओयू, औद्योगिक संपदा और औद्योगिक टाउनशिप में नियंत्रण के साथ विनिर्माण और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों के संचालन की अनुमति दी गई है। इसके लिए एक-दूसरे से आवश्यक दूरी बनाए रखने सम्बंधी एसओपी लागू करना जरूरी होगा। आईटी हार्डवेयर, आवश्यक सामानों और पैकेजिंग के निर्माण की भी अनुमति होगी। कोयला, खनिज और तेल उत्पादन गतिविधियों को भी अनुमति दी गई है। उम्मीद है कि इन उपायों से औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र का पुनरुद्धार होगा तथा सुरक्षा प्रोटोकॉल और सामाजिक दूरी सम्बंधी नियमों को लागू करते हुए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। इसी प्रकारवित्तीय क्षेत्र के महत्वपूर्ण घटक जैसे-आरबीआई, बैंक, एटीएम, सेबी द्वारा अधिसूचित पूंजी और ऋण बाज़ार तथा बीमा कंपनियों को भी कार्य करने की अनुमति होगी। इसका उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों को पर्याप्त तरलता और ऋण सहायता प्रदान करना है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था, सेवा क्षेत्र और राष्ट्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है। ई-कॉमर्स संचालन, आईटी और आईटी सक्षम सेवाओं के संचालन, सरकारी गतिविधियों के लिए डेटा और कॉल सेंटर तथा ऑनलाइन शिक्षण और दूरस्थ शिक्षा से सम्बंधित गतिविधियों को भी अनुमति दी गई है। संशोधित दिशा-निर्देशों में सभी स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक क्षेत्र की गतिविधियों, सार्वजनिक उपयोग की सेवाओं तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को बिना किसी बाधा के कार्य करने की अनुमति दी गई है। केंद्र, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों के महत्वपूर्ण कार्यालयों को खुला रखने की भी अनुमति दी गई है। संशोधित व समेकित दिशानिर्देश अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों को संचालित करने के उद्देश्य से दिए गए हैं, जो ग्रामीण और कृषि विकास एवं रोज़गार सृजन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, जबकि उन क्षेत्रों मंज सख्त प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे, जहां कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा को सर्वोपरि माना गया है। संशोधित दिशा-निर्देशों के सुचारू और प्रभावी कार्यांवयन के लिए कैबिनेट सचिव राज्य के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ बैठक की। बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी मौजूद थे। कलेक्टर, एसपी, नगरपालिका आयुक्त और सिविल सर्जन भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।

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