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सेवानिवृत्ति पर कांग्रेसियों ने फैलाई अस्थिरता?

मीडिया में स्वार्थी तत्वों ने चलाया झूंठ-कार्मिक राज्यमंत्री

सरकार में कांग्रेस का मोदी विरोधी नेटवर्क बदस्तूर जारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 27 April 2020 12:13:05 PM

minister of state dr. jitendra singh

नई दिल्ली। भारत सरकार ने मीडिया के एक हिस्से में चल रही उन ख़बरों को सिरे से खारिज किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र घटाकर 50 वर्ष करने का प्रस्ताव रखे जाने की बात कही गई है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की कोई पहल की गई है और न ही सरकार के स्तर पर ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की गई है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिन से कुछ तत्व बार-बार सोशल मीडिया पर ग़लत जानकारियां फैला रहे हैं और इनके पीछे सरकारी स्रोतों या डीओपीएंडटी का हवाला दिया जा रहा है, इसलिए हर बार हितधारकों के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए त्वरित खंडन जारी किया जाता है। गौरतलब है कि यह सच्चाई आज भी कायम है कि भारत सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों, संस्‍थानों और संगठनों में पहले से स्‍थापित कांग्रेस जग्लर लोगों का मोदी सरकार विरोधी नेटवर्क बदस्तूर अस्थिरता फैलाने का काम करता आ रहा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने सरकारी स्रोतों की आड़ में भ्रमपूर्वक ग़लत जानकारियां फैलाने को दुखद बताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और पूरी दुनिया महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय रणनीति की प्रशंसा कर रहा है, कुछ तत्व क्षुद्र स्वार्थ के वशीभूत होकर सरकार के प्रयासों को कमतर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मीडिया में ऐसी खबरें चलवा रहे हैं, जबकि सच यह है कि कोरोना की चुनौती सामने आने के बाद से सरकार और डीओपीएंडटी द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों के हितों की रक्षा में त्वरित फैसले लिए जा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि लॉकडाउन से पहले ही डीओपीटी ने आधिकारिक रूपसे कार्यालयों में बेहद आवश्यक या न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने का परामर्श जारी किया था, हालांकि आवश्यक सेवाओं को इन दिशानिर्देशों से छूट देते हुए डीओपीटी ने दिव्यांग कर्मचारियों को आवश्यक सेवाओं से भी छूट देने का आदेश जारी किया था।
लॉकडाउन की बाधाओं पर विचार करते हुए कार्मिक राज्यमंत्री ने याद दिलाया कि डीओपीटी ने सरकारी अधिकारियों द्वारा वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट को भरने की अंतिम तारीख टाल दी थी। उन्होंने यूपीएससी के आईएएस/ सिविल सेवाओं के साक्षात्कार/ व्यक्तित्व परीक्षण की तारीखों में भी बदलाव करने के फैसले का उल्लेख किया, साथ ही यह भी घोषणा की जा चुकी है कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 3 मई के बाद की जाएगी। इसी प्रकार एसएससी ने भी अपनी भर्ती प्रक्रिया को टाल दिया है। कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग के संबंध में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह ही ऐसा फर्जी समाचार आया था कि सरकार ने पेंशन में 30 प्रतिशत कटौती और 80 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों की पेंशन बंद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जबकि हकीकत यह थी कि 31 मार्च को ऐसा कोई पेंशनर नहीं था, जिसकी पेंशन उनके खाते में जमा नहीं की गई हो। इसके साथ ही डाक विभाग की सेवाओं के माध्यम से जरूरत पड़ने पर पेंशनरों के घर पर पेंशन की धनराशि पहुंचाई गई।
कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग ने पिछले चार सप्ताह के दौरान 20 शहरों में पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए वीडियो कॉंफ्रेंस परामर्श का आयोजन किया था, जहां डॉ रणदीप गुलेरिया निदेशक (एम्स) जैसे विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी। इसी प्रकार वेबिनार पर योग सत्रों के आयोजन भी कराए जा रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार की भ्रामक सूचनाओं की पुष्टि किए बिना उनका किसी भी स्तर पर संज्ञान नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक बार कह चुके हैं कि सरकार कार्मिक क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है और उनका योगदान प्रशंसनीय है, तथापि अफवाहों और झूंठी सूचनाओं का संज्ञान लिया जाना बेहद खेदजनक है। गौरतलब है कि भारत सरकार में ही बैठे कुछ कार्मिक संगठनों के नेताओं और कांग्रेस प्रायोजित अफवाहबाज़ों का गठजोड़ अक्सर इस प्रकार की सूचनाएं उड़ाया करता है ताकि कर्मचारी संवर्ग में सरकार के खिलाफ आक्रोश पैदा हो। इस बात का अनेक बार पर्दाफाश भी हुआ है और मोदी सरकार इस प्रकार के नेटवर्क को विफल करने या उसका सामना करने में काफी असहाय सी दिखती है। 

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