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Monday 29 June 2020 11:39:15 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस शासनकाल में देश के प्रधानमंत्री रहे पीवी नरसिम्हा राव को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और एक ऐसी विषम परिस्थिति में आर्थिक सुधारों को शुरू करने में पीवी नरसिम्हा राव की अग्रणी और अनुकरणीय भूमिका को स्मरण किया, जब भारतीय अर्थव्यवस्था पतन के कगार पर पहुंच गई थी। एक फेसबुक पोस्ट पर एम वेंकैया नायडू ने देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए पीवी नरसिम्हा राव के विभिन्न प्रयासों और उपायों का उल्लेख किया। उपराष्ट्रपति ने स्मरण करते हुए कहा कि पीवी नरसिम्हा राव ने अपने प्रधानमंत्रित्वकाल में लाइसेंस राज के तहत लगाई गई पाबंदियों को खत्म करने, लालफीताशाही को कम करने तथा भारतीय उद्योगों को और भी अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की अथक कोशिशें कीं।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ध्यान दिलाया कि पीवी नरसिम्हा राव ने व्यापार उदारीकरण और वैश्विक अर्थव्यवस्था, विशेषकर पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को पुन: एकीकृत करने की नींव रखी थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बदलाव था, क्योंकि पहले की सरकारों की अंतर्मुखी आर्थिक उन्मुखीकरण से निकलकर वैश्विक एकीकृत विकास की नई धारा से जुड़ने की प्रक्रिया शुरू हो रही थी। वेंकैया नायडू ने कहा कि वे एक सुधारक थे और चाहते थे कि दुनिया में कहीं भी जो कुछ भी बेहतर हो रहा है, उससे भारत अवश्य ही सीख ले, वे चाहते थे कि संकट को एक अवसर में बदल दिया जाए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे पंजाब और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलनों को नियंत्रित करने में भी काफी हद तक सफल रहे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि बाद के वर्षों में भारत की जीडीपी में वृद्धि और हाल के वर्षों में देश के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूपमें उभरने का व्यापक श्रेय पीवी नरसिम्हा राव को दिया जाना चाहिए।
आर्थिक सुधारों को जारी रखने की आवश्यकता पर देश में धीरे-धीरे व्यापक सहमति बनने की ओर ध्यान दिलाते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सुधारों में तेजी लाए, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुधारों को और भी अधिक तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। पीवी नरसिम्हा राव द्वारा राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा के लिए भी एक मजबूत नींव रखे जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि विदेश नीति में भी उन्होंने अनेक साहसिक कदम उठाए, उन्होंने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बहाल किए, भारत और अमेरिका को एकजुट करके उनके बीच दशकों से ठंडे पड़े संबंधों में नई जान फूंकी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की पूरब की ओर देखो नीति का शुभारंभ और स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने वाले संविधान के 73वें और 74वें क्रांतिकारी संशोधनों को पारित करना ये सभी कार्य पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में ही हुए।