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Saturday 22 August 2020 06:37:24 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला में 'आत्मनिर्भर भारत-पर्यटन एवं यात्रा से संबंधित मुद्दे' नाम से 50वां वेबिनार आयोजित किया। वेबिनार में एमएसएमई क्षेत्र एवं इसका वर्गीकरण, एमएसएमई के लिए पंजीकरण प्रक्रिया, सेवा क्षेत्र के लिए एमएसएमई मंत्रालय की ऋण योजनाएं, सार्वजनिक खरीद नीति आदि प्रस्तुत की गई। वेबिनार का आयोजन एमएसएमई के विभिन्न तत्वों एवं योजनाओं से लाभों पर हितधारकों को सूचना और दिशा-निर्देश उपलब्ध कराने के विजन के साथ किया गया। वेबिनार एमएसएमई के अपर सचिव एवं विकास आयुक्त देवेंद्र कुमार सिंह एवं सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम मंत्रालय के अपर विकास आयुक्त आनंद शरखाने ने प्रस्तुत किया।
एमएसएमई विकास अधिनियम 2006 के अस्तित्व आने के 14 वर्ष के बाद 13 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई परिभाषा में एक संशोधन की घोषणा की गई, जिसके अनुसार सूक्ष्म विनिर्माण एवं सेवा इकाइयों की परिभाषा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये का निवेश तथा 5 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दी गई। लघु इकाई की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये का निवेश तथा 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दी गई। इसी प्रकार मझोली इकाई की सीमा बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये का निवेश तथा 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दी गई। भारत सरकार ने 1 मई 2020 को परिभाषा में और ऊपरी संशोधन कर दिया, अब मझोली इकाइयों के लिए यह सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये का निवेश तथा 250 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दी गई है। पैकेज की घोषणा के बाद कई प्रतिवेदनों में कहा गया कि घोषित संशोधन अभी भी बाजार तथा मूल्य स्थितियों के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसे और ऊपर की ओर संशोधन किया जाना चाहिए। इन प्रतिवेदनों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने मझोली इकाइयों के लिए सीमा को और बढ़ाने का फैसला किया। यह समय के साथ वास्तविक बनाने तथा वर्गीकरण की एक वस्तुपरक प्रणाली स्थापित करने और व्यवसाय करने की सुगमता प्रदान करने के लिए किया गया है।
एमएसएमई मंत्रालय ने दोहराया है कि इसने चैम्पियंस www.champions.gov.in के नाम से एमएसएमई तथा नए उद्यमियों के लिए बहुत मजबूत प्राथमिक सहायता तंत्र का निर्माण किया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया था। इच्छुक उद्यमी इसका लाभ उठा सकते हैं और अपने प्रश्न या शिकायतें प्रस्तुत कर सकते हैं। इसपर अत्यधिक तत्परता के साथ ध्यान दिया जाएगा। प्रस्तोताओं ने एमएसएमई में पंजीकरण के लिए प्रक्रियाओं को भी साझा किया। उद्यम पंजीकरण अनिवार्य है। लिंक https://udyamregistration.gov.in पर निःशुल्क पंजीकरण कोई शुल्क नहीं, केवल आधार संख्या की आवश्यकता है, स्थाई पंजीकरण संख्या पंजीकरण प्रमाणन ऑनलाइन जारी किया गया, अगर एक बार पंजीकृत हो गया तो नवीकरण की कोई आवश्यकता नहीं। चैम्पियंस केंद्र सहायता उपलब्ध कराएंगे, पंजीकरण प्रक्रिया पूर्णतः निःशुल्क है। किसी को भी कोई लागत या शुल्क अदा नहीं किया जाना है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में 200 करोड़ रुपये तक वैश्विक टेंडरों की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की सहायता की दिशा में एक कदम होगा।
प्रस्तोताओं ने कार्यक्रम के सब्सिडी लाभों को भी साझा किया, जिसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत के 25 प्रतिशत के और शहरी क्षेत्रों मे 15 प्रतिशत के मार्जिन मनी सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला जैसे विशेष वर्गों से संबंधित लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है। प्रस्तोताओं ने छोटे व्यवसायों से संबंधित एमएसएमई पंजीकरण लाभों को भी पंजीकृत किया। सरकार ने एमएसएमई/ एसएसआई के लिए कई पहल की हैं, जो उन्हें संपार्श्विक के बिना ऋण का लाभ उठाने में सक्षम बनाती हैं। एमएसएमई के सबसे अच्छे पंजीकरण लाभों में से एक संपार्श्विक-मुक्त ऋण प्रदान करने की पहल है, जो भारत सरकार, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा ऋण गारंटी ट्रस्ट फंड योजना के नाम के तहत की गई है। यह छोटे व्यवसाय स्वामियों के लिए अब तक का सबसे अच्छा एमएसएमई पंजीकरण लाभ है। एमएसएमई अधिनियम के तहत पंजीकृत व्यावसायिक उद्यमों को पेटेंट पंजीकरण के लिए 50 प्रतिशत की भारी सब्सिडी दी जाती है। संबंधित मंत्रालय को एक आवेदन भेजकर इसका लाभ उठाया जा सकता है।
एमएसएमई पंजीकरण के बड़े लाभों में से एक सरकार के सुझाए गए औद्योगिक प्रोत्साहन हेतु सब्सिडी प्राप्त करना है। प्रस्तोताओं ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: 3 प्रस्ताव 'शिशु', 'किशोर' और 'तरुण' को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का प्राथमिक उत्पाद सूक्ष्म व्यवसायों/ इकाइयों को ऋण देने के लिए पुनर्वित्त प्रदान करेगा। इस व्यापक योजना के तहत प्रारंभिक उत्पाद और योजनाएं पहले ही बनाई जा चुकी हैं और लाभार्थियों की सूक्ष्म इकाई की वृद्धि/ विकास और वित्त पोषण की जरूरतों के चरण को वर्णित करने के लिए अंतःक्षेपों को 'शिशु', 'किशोर' और 'तरुण' नाम दिया गया है और यह उद्यमी के लिए क्रमिक वृद्धि/ विकास के अगले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु भी उपलब्ध कराता है। शिशु 50,000 रुपये तक का ऋण कवर करता है, किशोर 50,000 रुपये से अधिक 5 लाख रुपये तक के ऋण को कवर करता है और तरुण 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण को कवर करता है। अब विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के बीच कोई अंतर नहीं होगा।
नई परिभाषा एमएसएमई के सुदृढ़ीकरण और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। विशेष रूपसे टर्नओवर की गणना से निर्यात को बाहर करने के प्रावधान से एमएसएमई किसी एमएसएमई इकाई को होने वाले लाभों को खोने के डर के बिना अधिक से अधिक निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित होगा, इससे देश से निर्यात में अप्रत्याशित तेजी आने की उम्मीद है, जिससे अधिक वृद्धि और अधिक आर्थिक विकास होगा तथा नौकरियों के सृजन में तेजी आएगी। पर्यटन मंत्रालय में सचिव रुपिंदर बरार ने सेवा क्षेत्र को पहचान देने में एमएसएमई, जो सरकार द्वारा घोषित अतिरिक्त संपार्श्विक-मुक्त तरलता समर्थन प्राप्त करने के लिए देश में यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य व्यवसायों के लाभ के लिए काम करेगा के प्रयासों की सराहना करते हुए वेबिनार का समापन किया। बैंकों और एनबीएफसी के माध्यम से एमएसएमई व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के संपार्श्विक-मुक्त स्वचालित ऋणों की घोषणा सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहित करने में दीर्घकालिक रूपसे सहायक साबित होगी।