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Friday 13 November 2020 01:38:51 PM
धोरडो (कच्छ)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात के धोरडो (कच्छ) में सीमांत क्षेत्र विकासोत्सव-2020 के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा है कि सीमांत विकास उत्सव का उद्देश्य है कि सुशासन और विकास सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांव में जो नागरिक रहते हैं, उनको उतनी ही सुविधा मिले जितनी हमारे शहरों में रहने वाले नागरिकों को मिलती है। उन्होंने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों में राष्ट्रीय सुरक्षा का भाव जागृत करना और सुरक्षा पहलू तथा सामरिक महत्व की संवेदनशीलता को साझा करना भी सीमांत क्षेत्र विकासोत्सव का उद्देश्य है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय है कि सीमांत विकास उत्सव के माध्यम से सीमाओं को विकसित करने का कार्य किया जाएगा, यह सिलसिला गुजरात की सीमा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रधानमंत्री स्वयं और मैं भी आने वाले दिनों में सीमाओं पर जाकर वहां रहने वाले जवान, जो सीमाओं की सुरक्षा करते हैं के साथ जाकर रहने वाला हूं और यह सिलसिला लगातार चलने वाला है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि देश की सीमाएं, राज्य की सीमाएं मां का आंचल जैसी हैं, उनकी सुरक्षा करना हर एक नागरिक का प्राथमिक धर्म है। अमित शाह ने कहा कि सीमावर्ती गांव के सरपंच, विधायक, सांसद हमारी सीमा के सजग प्रहरी हैं, जबतक स्थानीय समाज के लोगों और जनप्रतिनिधियों के मन में सीमा सुरक्षा का भाव नहीं होता है, तबतक सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जब तक सीमा पर रहने वाला जन-जन सीमा पर रहने वाला हर एक व्यक्ति जागरुक नहीं होता, तबतक हम सीमाओं को सुरक्षित नहीं कर सकते, क्योंकि जबतक देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत नहीं होती देश को आगे बढ़ाना, देश को विकास के रास्ते पर ले जाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि आज हमारे सुरक्षा बल के जवान दुनिया की एक बड़ी ताकत के साथ आंख में आंख डालकर जवाब देने के लिए सक्षम हैं, चाहे कश्मीर की सीमा हो, चाहे पुलवामा हमला हो, उन्होंने समुचित जवाब दिया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सीमा क्षेत्रों से पलायन न हो, जिसके लिए महत्वपूर्ण है कि उस गांव का उतना ही विकास हो, जितना सीमाओं के अंदर के गांव का होता है। अमित शाह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के उद्गारों को व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उस वक्त कहा था कि सीमा तक रोड, पानी, बिजली पहुंचाना चाहिए और सीमा पर से पलायन को रोकना चाहिए और केंद्र में जब से मोदी सरकार शासन में आई तबसे सरदारजी की सभी बातों पर बखूबी अमल किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 6 साल में सीमाओं को सुरक्षित करने का जिम्मा बखूबी निभाया है, सुरक्षा बलों को आधुनिक शस्त्रों से लैस करने, उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है। अमित शाह ने कहा कि देश में कुछ वक्रदृष्टा लोग हैं, जिन्हें हर काम में नुक्स निकालने होते हैं, लेकिन जनता बहुत समझदार है, उसको पता है कि पहले योजनाएं बस फाइल तक सीमित रहती थीं, लेकिन मोदी सरकार में योजनाएं घर-घर तक पहुंच रही हैं और हाल ही में आए चुनाव नतीजे जनता के इस विश्वास को प्रमाणित करते हैं।
अमित शाह ने बताया कि 2008 से 2014 तक सीमाओं की रोड की डी-सरफेसिंग की रफ्तार 170 किलोमीटर थी, जिसे मोदी सरकार ने 170 किलोमीटर से बढ़ाकर 480 किलोमीटर तक पहुंचाने का काम किया है, वर्ष 2008 से 2014 तक भारत-चीन सीमा के पास सालाना 230 किलोमीटर की सड़क कटिंग फॉर्मेटिंग का काम हो रहा था, 2014 से 2020 के बीच उसको 230 से बढ़ाकर 470 किलोमीटर तक पहुंचाने का काम किया गया, जो यह दर्शाता है कि मोदी सरकार सीमा सुरक्षा के प्रति कितनी सजग है। अमित शाह ने तीन सीमावर्ती जिलों के सरपंचों से वार्तालाप किया। उन्होंने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल और गुजरात सरकार के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए किए गए कार्यों कि एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और गुजरात सरकार के मंत्रिमंडल के मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, बीएसएफ के महानिदेशक, असूचना ब्यूरो के निदेशक और गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।