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Thursday 19 November 2020 05:31:32 PM
बेंगलुरु/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु टेक सम्मेलन का वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से उद्घाटन किया, जिसका आयोजन कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक नवाचार और प्रौद्योगिकी सोसाइटी, कर्नाटक सरकार के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी विजन ग्रुप, बायोटेक्नोलॉजी एंड स्टार्टअप, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया और एमएम एक्टिव साइंस टेक कम्युनिकेशंस के सहयोग से किया था। सम्मेलन की थीम 'नेक्स्ट इज नाऊ' है। प्रधानमंत्री ने इसपर प्रसन्नता व्यक्त की डिजिटल इंडिया को अब सिर्फ भारत सरकार की पहल के तौरपर नहीं देखा जाता, बल्कि यह लोगों विशेषकर गरीबों एवं वंचित तबकों तथा सरकारी तंत्र में मौजूद लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत हमारा देश विकास के लिए और अधिक मानवता केंद्रित तरीके अपना रहा है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर तकनीकी इस्तेमाल से विभिन्न प्रकार के बदलाव आए हैं और नागरिकों के लिए दिए जाने वाले लाभ स्पष्ट रूपसे दिखाई दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने न सिर्फ डिजिटल और तकनीकी उपाय के लिए एक बाज़ार का सृजन किया है, बल्कि इसे अपनी सभी योजनाओं का अहम हिस्सा भी बनाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मॉडल है ‘तकनीकी प्रथम’ और तकनीक के माध्यम से मानव अस्मिता में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, करोड़ों किसानों को सिर्फ एक क्लिक की मदद से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है और विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी ने यह सुनिश्चित करने में मदद की है कि भारत का गरीब से गरीब तबका त्वरित और उपयुक्त सहायता पाए, जिसका वह हकदार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने आंकड़ा विश्लेषण की शक्ति और क्षमता का इस्तेमाल किया और बेहतर सेवा उपलब्ध कराने में इसका इस्तेमाल किया गया। उन्होंने रेखांकित किया कि तकनीकी ही वह प्रमुख कारण है, जिसने हमारी योजनाओं को इतने बड़े पैमाने पर इतनी अधिक संख्या में लोगों तक तेज गति से क्रियान्वित करने में मदद की, जिससे लोगों का जीवन बदला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तकनीक ने हमें कम से कम समय में बड़ी से बड़ी आबादी तक वैक्सीन यानी टीका पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। प्रधानमंत्री ने महामारीकाल में भी अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के लिए तकनीकी क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने रेखांकित किया कि जिस स्तर पर तकनीकी को दशकों में आत्मसात नहीं किया जा सका, उस स्तर की तकनीकी कुछ महीने में लागू करके दिखाया गया, घर से काम करना अब एक प्रचलन बन गया है और यह आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में शिक्षा, स्वास्थ्य और खरीदारी इत्यादि क्षेत्र में और बड़े स्तरपर तकनीकी का क्रियांवयन होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि औद्योगिक युग में बदलाव बहुत छोटे स्तर पर होते हैं, लेकिन सूचना के युग में बदलाव विध्वंसकारी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक युग के विपरीत सूचना के इस दौर में पहला कदम मायने नहीं रखता, बल्कि सबसे अच्छा कदम मायने रखता है। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी भी समय ऐसा समाधान विकसित कर सकता है, जो पहले से अस्तित्व में बने तमाम समाधानों और प्रक्रियाओं को ध्वस्त कर दे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सूचना युग में आगे बढ़ने के लिए भारत एक बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत के पास दक्ष बुद्धि क्षमता का मानव संसाधन है, साथ ही साथ बड़ा बाजार भी है। उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय टेक सॉल्यूशन में वैश्विक बनने की क्षमता है, यह ऐसा समय है, जब टेक सॉल्यूशन भारत में विकसित हो और विश्व में उनका इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के नीतिगत फैसलों में अब तकनीकी और नवाचार उद्योग के लिए उदार रुख रखते हुए नियम बनाए जा रहे हैं जैसाकि हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए कई प्रकार की बाधाओं को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा यह प्रयास करती है कि तकनीकी उद्योग के सभी पक्षकारों के साथ भविष्य में भी इस्तेमाल होने योग्य सुरक्षित नीतियों का भारत के फ्रेमवर्क में निर्माण किया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्रेमवर्क स्तर की क्षमता सफल उत्पादों का एक इको सिस्टम विकसित करने की है। उन्होंने फ्रेमवर्क लेवल माइंडसेट की कुछ पहलों का उल्लेख किया, जिसमें यूपीआई, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, स्वामित्व योजना इत्यादि शामिल हैं।
नरेंद्र मोदी ने तेजी से तकनीकी इस्तेमाल को बढ़ाकर साइबर सुरक्षा समेत आंकड़ा संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि देश के युवा साइबर सुरक्षा को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और साइबर हमलों तथा वायरस आदि से डिजिटल उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैवविज्ञान, इंजीनियरिंग इत्यादि विज्ञान के क्षेत्रों में नवाचार के लिए संभावना और आवश्यकता दोनों है। उन्होंने कहा कि नवाचार भारत की प्रगति की कुंजी है और यह स्पष्ट है कि भारत को इसका लाभ मिलने रहा है, क्योंकि जब नवाचार की बात आती है, तब इसकी संभावना इसलिए अच्छी दिखाई देती है, क्योंकि हमारे देश का प्रतिभावान युवा नवाचार के लिए ऊर्जा से ओतप्रोत है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवाओं की क्षमता और तकनीकी के लिए संभावनाएं अनंत हैं। उन्होंने कहा कि यह समय ऐसा है, जब हम अपना सबसे बेहतर योगदान दें और उनका इस्तेमाल करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा आईटी क्षेत्र हमें निरंतर गौरवांवित करता रहेगा। इस अवसर पर संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी उपस्थित थे।