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Wednesday 25 November 2020 01:03:55 PM
अहमदाबाद। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल का आज प्रातः करीब साढ़े तीन बजे निधन हो गया। उनके पुत्र फैसल पटेल ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी। अहमद पटेल को कोरोना था और वे करीब एक माह से उससे संघर्ष कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि अहमद पटेल के निधन से बहुत दुखी हूं, वे लंबे अरसे तक सार्वजनिक जीवन में रहे और उन्होंने समाज की सेवा की। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने तेज़ दिमाग़ और कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने उनके पुत्र फैसल पटेल से बात की और शोक जाहिर किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रार्थना है कि अहमद भाई की आत्मा को शांति मिले।
अहमद पटेल का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ। फैसल पटेल ने साथ ही शुभचिंतकों से अनुरोध किया कि वे कोरोना वायरस से बचने के लिए नियमों और सावधानियों का कड़ाई से पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दृढ़ रहें और किसी भी सामूहिक आयोजन में जाने से परहेज करें। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि यह एक दुखद दिन है, अहमद पटेल पार्टी के एक स्तंभ थे, वो हमेशा कांग्रेस के लिए जिए और सबसे कठिन समय में भी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहे, हम उनकी कमी महसूस करेंगे। फैसल और उनके परिवार को मेरा प्यार और संवेदनाएं। अहमद पटेल गुजरात में भरूच जिले के पेरामल गांव में हुआ था। भरूच कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, इसी कारण वे पांच बार लोकसभा के लिए चुने गए। वे तीन बार राज्यसभा में रहे।
अहमद पटेल का गुजरात से राज्यसभा का आखिरी चुनाव बहुत हंगामें और चर्चा में रहा, जिसमें वह हारते-हारते बच गए। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई थी और बीजेपी की रणनीतिक विफलता से अहमद पटेल राज्यसभा चुनाव जीत गए थे। अहमद पटेल गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं, वे गांधी-नेहरू परिवार के जवाहर भवन ट्रस्ट के सचिव बनाए गए और यहां से उनकी कांग्रेस नेतृत्व से निकटता प्रारंभ हुई। यह ट्रस्ट सामाजिक कार्यों के लिए फंडिंग करता है। माना जाता है कि उन्होंने राजीव गांधी से अपनी काफी निकटता बनाई, इस कारण वे सोनिया गांधी के भी काफी करीब रहे। दिल्ली में उनकी राजनीति कांग्रेस के संयुक्त सचिव पद से शुरू हुई और अपनी राजनीतिक सफलताओं से वे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बन गए। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि एक अभिन्न मित्र और विश्वसनीय साथी चला गया, हम दोनों सन् सतत्तर में साथ-साथ रहे, वे सभी कांग्रेसियों के लिए हर राजनीतिक मर्ज की दवा थे।
अहमद पटेल का अचानक चले जाना कांग्रेस नेतृत्व के लिए और खासतौर से गुजरात कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अहमद पटेल ने गुजरात के राज्यसभा चुनाव में उन्हें हराने का भाजपा के दिग्गज़ नेताओं का प्लान फेल करके रख दिया था। भाजपा उत्साहित थी कि उसने अहमद पटेल को हरा दिया है, लेकिन अहमद पटेल के तेज राजनीतिक दिमाग़ के सामने भाजपा के चाणक्य चल नहीं पाए। वर्ष 2017 में अहमद पटेल बनाम अमित शाह हो गए इस चुनाव की देशभर में चर्चा हुई थी। इससे गुजरात में डूब रही कांग्रेस को जैसे एक संजीवनी मिल गई हो। अभूतपूर्व उठापटक के बाद आधी रात को अहमद पटेल के चुनाव जीतने का चुनाव परिणाम आया तो दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर में आधी रात ही बड़ा जश्न मनाया गया। माना जाता है कि अहमद पटेल ने कई मौकों पर कांग्रेस को राजनीतिक संकट से बाहर निकाला, जिससे उन्हें कांग्रेस का चाणक्य भी कहा जाने लगा था।
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, द्विजेंद्र त्रिपाठी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उत्तराखंड के कांग्रेस नेता हरीश रावत ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अहमद पटेल के निधन पर भावुक टिप्पणी में कहा है कि जिन्हें हर छोटा बड़ा, दोस्त, साथी, विरोधी भी और एक ही नाम से सम्मान देते थे, वो जिन्होंने सदा निष्ठा व कर्तव्य निभाया, वो जिन्होंने सदा पार्टी को ही परिवार माना, वो जिन्होंने सदा राजनीतिक लकीरें मिटा दिलों पर छाप छोड़ी, अब भी उनके निधन पर विश्वास नहीं हो रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं।