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Tuesday 16 April 2013 09:14:17 AM
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ अज़ीज़ कुरैशी की उपस्थिति में राजभवन के प्रेक्षागृह में अर्थ इंटरटेंमेंट की ओर से आकर्षक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। बासंतिक मास फाल्गुन को रसभरी विदाई देने तथा भारतीय काल चक्रानुसार नव संवत्सर प्रतिपदा चैत्र मास के स्वागत में आयोजित बासंतिक संध्या में युवा एवं उदीयमान कथक नृत्यांगना आरूषि निशंक ने अपने साथियों से सुर व ताल की जुगलबंदी करके बसंत के विभिन्न रंगों की मनोरम प्रस्तुति दी।
कत्थक नृत्य में निष्णात उपाधि प्राप्त आरूषि, जो भाव प्रणव कवयित्री भी हैं, 12 वर्षों से देश-विदेश में नृत्य का मंचन कर चुकी हैं। राजभवन के प्रेक्षागृह में प्रस्तुत कत्थक नृत्य के 50 चक्रों के टुकड़ों को घुंघरू, तबले व बांसुरी की जुगलबंदी के साथ आरूषि के भावपूर्ण नृत्य ने दर्शकों को भाव-विभोर करके उनकी ऊर्जा तथा कठिन अभ्यास का परिचय दिया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल ने पारंपरिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर देवताओं का आह्वान करके किया।
राजभवन के बासंतिक वातावरण में आयोजित इस कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही कि इसके सभी कलाकार युवा थे। बनारस घराने के युवा तबलावादक पंडित उदय मजूमदार ने तबले पर ताल, ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत की युवा गायिका पिऊ नंदी ने अपनी रेशमी आवाज़ दी। बांसुरी पर संगत दी युवा भास्कर दास ने तथा आरूषि के साथ सह नर्तक के रूप में बरूण बनर्जी ने दर्शकों की सराहना बटोरी।
कलाप्रेमी राज्यपाल ने आरूषि तथा उसके साथ जुगलबंदी कर रहे सभी कलाकारों की भरपूर सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि राजभवन का प्रेक्षागृह कलाकारों तथा साहित्यकारों के लिए सदैव खुला रहेगा। उन्होंने राजभवन में फैले बासंती रंगों को प्रत्येक मेहनतकश आम आदमी के जीवन में उतारने की अपनी दिली इच्छा भी जाहिर की। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अमृता रावत ने आरूषि के नृत्य की प्रशंसा करते हुए राज्य में कत्थक के विस्तार की संभावना व्यक्त की। इस सांस्कृतिक संध्या में टिहरी सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, आरूषि के पिता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत, विधायक राजकुमार ठुकराल सहित अनेक वरिष्ठ महानुभाव, कला प्रेमी तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बुद्धिनाथ मिश्र ने किया।