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Tuesday 16 April 2013 11:01:49 AM
इंफाल। मणिपुर की राजधानी इंफाल में आदिमजाति शिक्षा आश्रम के आयोजित हीरक जयंती समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मणिपुर का सभी भारतीयों के हृदय में विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवाद के विरूद्ध हमारे संघर्ष के इतिहास में मणिपुर नरेश, अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण करने वाले अंतिम व्यक्तियों में थे। मणिपुर पहला स्थान था, जिसे नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों से आजाद कराया था। उन्होंने कहा कि मणिपुर के बीर तिकंद्रजीत सिंह और रानी गैडिन्ल्यू जैसे नेताओं ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता का उद्देश्य मात्र सत्ता हस्तांतरण नहीं था, बल्कि यह राजनीतिक दासता, आर्थिक गुलामी और सांस्कृतिक ठहराव से मुक्ति पाना था। उन्होंने कहा कि पंचवर्षीय योजनाओं के जरिए शुरू की गई विकास की प्रक्रिया के पूरा लाभ उत्तर-पूर्व प्रदेश के अनेक भागों को नहीं मिले हैं। यह कमी सामूहिक प्रयासों और योगदान के जरिए पूरी की जानी चाहिए।