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Saturday 20 February 2021 01:33:03 PM
कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘शौर्यांजलि’ कार्यक्रम में शामिल हुए और देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बंगाल के महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने बंगाल के क्रांतिकारियों के अदम्य साहस और शौर्य को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। गृहमंत्री ने साइकिल रैली को भी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस, रासबिहारी बोस और खुदीराम बोस नाम से तीन टीमें शामिल हैं, जो स्वतंत्रता आंदोलन में बंगाल के क्रांतिवीरों के बलिदान के प्रति पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में जागरुकता पैदा करेंगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सुभाषबाबू के प्रति देश की जनता का आज भी उतना ही प्यार और सम्मान है, जितना उनके जीवनकाल में था। उन्होंने कहा कि सुभाषबाबू के कार्य, उनकी देशभक्ति और उनका सर्वोच्च बलिदान पीढ़ियों तक भारतवासियों के जेहन में रहेगा, उनको भुलाने के बहुत प्रयास किए गए, किंतु मोदी सरकार की यह कोशिश है कि आनेवाली कई पीढ़ियां नेताजी के बलिदान को याद रखें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सुभाषबाबू का जीवन और उनके संस्कारों को न केवल भारत में रहने वाले भारतीय, बल्कि दुनियाभर में जहां भी भारतीय बसे हैं चिरकाल तक याद करें और उनसे प्रेरणा लेकर भारत को महान बनाने में अपना योगदान देते रहें। अमित शाह ने देश की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि एकबार सुभाषबाबू के जीवन को अवश्य पढ़ें, उससे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। अमित शाह ने युवाओं से कहा कि जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया उनका स्मरण कर अपने जीवन को देश के लिए लगाना चाहिए।
गृहमंत्री ने कहा कि जिस समय आईसीएस में ज्वाइन होने के लिए देश के युवा लालायित होते थे, उस समय सुभाषबाबू ने अंग्रेजों की नौकरी से त्यागपत्र देकर देश की सेवा करने का मन बनाया, उनका देश भक्ति और देश की स्वतंत्रता के रास्ते पर जाने का विचार हुआ। अमित शाह ने कहा कि सुभाषबाबू की लोकप्रियता, उनका अदम्य उत्साह देश को आजादी दिलाने के लिए था और एक ऐसी सत्ता जिसके बारे में कहा जाता था कि उसका कभी सूर्य अस्त नहीं होता, उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। अमित शाह ने कहा कि देश की आजादी के लिए देश को आगे बढ़ाने के लिए जिन लोगों ने बलिदान दिया उनकी स्मृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास भारत सरकार कर रही है, इसीलिए इस प्रकार के कार्यक्रमों की रचना की जाती है कि युवा पीढ़ी इनको जानें और समझें, साथ ही देशभक्ति और बलिदान के संस्कारों को आत्मसात करें। अमित शाह ने कहा कि बलिदान का अर्थ सिर्फ अपनी जान देना नहीं है, बल्कि देश के अस्तित्व को मजबूत करने, देश की प्रगति के लिए तथा देश को महान बनाने के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा देना भी बलिदान की श्रेणी में आता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सुभाषबाबू ने अगर सिर्फ अपने कैरियर का सोचा होता तो आज हमारे सामने आज़ाद हिंद फौज का गौरवशाली इतिहास न होता, देश के करोड़ों युवाओं को 125 साल के बाद भी वह प्रेरणास्रोत न मिला होता जिसके आधार पर आज के युवा को आगे बढ़ना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, क्योंकि यह कार्यक्रम नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं सालगिरह मनाने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर अनेक कार्यक्रमों के आयोजन की श्रृंखला की एक कड़ी है। अमित शाह ने साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाई, जिसमें तीन टुकड़िया हैं, एक टुकड़ी का नाम है-नेताजी सुभाषचंद्र बोस टुकड़ी, जो 270 किलोमीटर का सफर तय करेगी और नामी-गुमनामी के शहीदों के गांव में जाकर उनकी यादों को एक बार फिर ताजा करने का प्रयास करेगी, दूसरी टुकड़ी रासबिहारी बोस की टुकड़ी है तथा तीसरी टुकड़ी खुदीराम बोस के नाम से है। अमित शाह ने साइकिल यात्रा के सभी साइकिल सवारों को बधाई देते हुए कहा कि जो युवा आज साइकिल लेकर निकलेंगे वह पूरे बंगाल के अंदर लगभग 900 किलोमीटर की यात्रा कर बंगाल के युवाओं को प्रेरित करने का काम करेंगे, इससे उनका पुरुषार्थ लंबे समय तक बंगाल के साथ-साथ पूरे भारत को नई ऊर्जा देगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जिस देश की युवा पीढ़ी अपने आजादी के भाव को नहीं समझती, गर्व को आत्मसात नहीं करती वह देश के भविष्य निर्माण में सहयोग नहीं कर सकती, इसलिए देश के लिए बलिदान देने वालों के बारे में जानना और उनका सम्मान बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज इतिहास को नए नजरिए से समझने की जरूरत है। अमित शाह ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती पर होने वाली इस श्रृंखला में पूरे देश के युवाओं को जोड़ने की आवश्यकता है। अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष का आयोजन और सुभाष चंद्र बोस की 125वीं वर्षगांठ मनाने का आयोजन एक सुखद संयोग है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सभी कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी करनी चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि इस देश में तमाम ऐसे परिवार हैं, ढेर सारे ऐसे लोग हैं, जिनकी पूरी संपत्ति, मकान की दस-दस बार कुर्की की गई ,लेकिन उन्होंने लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ा। गृहमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर अकेले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्हें एक ही जीवन के अंदर दो-दो बार कारावास हुआ, इन लोगों के बलिदान के आधार पर भारत यहां तक पहुंचा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले इन लोगों ने बलिदान सिर्फ आजादी के लिए नहीं दिया, बल्कि भारत एक बार पुनः विश्वगुरु के रूपमें दैदीप्यमान हो इसलिए बलिदान दिया था। अमित शाह ने इस अवसर पर ऋषि अरविंद को याद करते हुए कहा कि बंगाल की धरती के इस सपूत का योगदान अतुलनीय है और ऋषि अरविंद के शब्दों को सत्य में परिवर्तित करने के लिए हमें अपना जीवन देना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा से आगे कहते हुए मैं यह कहना चाहता हूं कि मेले तो जरूर लगाने चाहिए, लेकिन जिस उद्देश्य के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर किया है, उस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए अपना जीवन भी लगाना जरूरी है। कार्यक्रम में संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल, पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।