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Saturday 6 March 2021 04:35:00 PM
जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली ने 5 मार्च को 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस : राष्ट्रवाद और युवा सरोकार' विषय पर जबलपुर में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल इसके अध्यक्ष थे। इस अवसर पर आरिफ मोहम्मद खान ने नेताजी को 'धीरपुरुष' की संज्ञा दी और कहा कि उन्हें निंदा, प्रशंसा या मृत्यु की चिंता नहीं थी। राज्यपाल ने कहा कि नेताजी ने सर्वोच्च बलिदान का उदाहरण सबके समक्ष रखा है।
संस्कृति राज्यमंत्री ने कहा कि जबलपुर से नेताजी का बड़ा गहरा सम्बंध था और यहीं से उनके जीवन की दिशा बदली। उन्होंने कहा कि जबलपुर और सिवनी जेल से हमेशा उनकी स्मृतियां जुड़ी रहेंगी। राज्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेरणा के स्रोत हैं और युवाओं को देश एवं समाज के हित में काम करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेताजी के साथ न्याय नहीं हुआ, इसलिए हम अब इसकी भरपाई के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं, इसीलिए नेताजी की जयंती 23 जनवरी को पराक्रम दिवस घोषित करके उसका आयोजन देशभर में किया गया है। नेताजी के भतीजे चंद्रकुमार बोस, मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बक्शी, प्रोफेसर कपिल कुमार, डॉ राघव शरण शर्मा, एस प्रेमानंद शर्मा, देवेंद्र शर्मा रविंद्र वाजपेयी और मनीष त्रिपाठी सिंगापुर से कार्यक्रम में शामिल हुए थे।