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Monday 8 March 2021 05:20:04 PM
दमोह (मध्य प्रदेश)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मध्य प्रदेश में दमोह जिले के संग्रामपुर गांव में सिंगोरगढ़ किले के संरक्षण कार्यों का शिलान्यास किया। राष्ट्रपति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नए जबलपुर सर्कल का भी उद्घाटन किया। उन्होंने दमोह के संग्रामपुर गांव में राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन को संबोधित किया, जिसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय और मध्य प्रदेश के जनजातीय मामले विभाग ने किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय का कल्याण और विकास पूरे देश के कल्याण और विकास से जुड़ा हुआ है, इसी सोच के साथ केंद्र एवं राज्य सरकारों ने जनजातियों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की हुई हैं। उन्होंने कहा कि सबको यह प्रयास करना चाहिए कि जनजातीय समुदायों को आधुनिक विकास में भागीदारी करने का लाभ मिले, साथ ही उनकी जनजातीय पहचान एवं अस्मिता अपने सहज रूपमें बनी रहे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि मध्य प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के निर्माण और संचालन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संग्रामपुर गांव में रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम के दौरान संग्रामपुर की ऐतिहासिक विरासत पर आधारित एक वीडियो फिल्म भी दिखाई गई, इसके साथ ही एकलव्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने रानी दुर्गावती की वीरगाथा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। शास्त्रीय गायक सोनक चट्टोपाध्याय की प्रस्तुति ने सभी को मोहित कर दिया। इस अवसर पर जनजातीय विभाग की पुस्तिका का विमोचन किया गया और राष्ट्रपति ने आदिवासी कलाकारों की वर्चुअल कक्षाओं के पोर्टल की भी शुरुआत की। प्रतिभाशाली आदिवासी विद्यार्थियों को राष्ट्रपति ने शंकर शाह और रानी दुर्गावती पुरस्कारों से सम्मानित किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल, केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण विभाग की मंत्री मीना सिंह मांडवे और केंद्रीय नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
आदिवासी छात्राओं के बीच साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश में बालिका शिक्षा परिसरों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। पर्यटन राज्यमंत्री ने सिंगोरगढ़ किले के संरक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन बन गया है, क्योंकि क्षेत्र में विकास के अवसरों की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के लोगों की प्रतिभा की बराबरी कोई नहीं कर सकता और हमें अपने ऐतिहासिक गौरव को वापस लाने के लिए मिलकर काम करना होगा। इस भव्य आयोजन में दूर-दूर से आए लोग शामिल हुए, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने भी हिस्सा लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान उन्होंने शानदार प्रस्तुतियों का आनंद लिया।