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Thursday 11 March 2021 04:50:06 PM
चेन्नई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि शिक्षा परिवर्तन का मुख्य स्रोत है और युवा सामाजिक परिवर्तन के सर्वाधिक शक्तिशाली प्रतिनिधि हैं। राष्ट्रपति ने आज चेन्नई में अन्ना विश्वविद्यालय के 41वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि अन्ना विश्वविद्यालय समाज की वर्तमान और संभावित आवश्यकताओं के अनुसार इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर तथा एप्लाइड साइंस में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाने वाला विश्व के सबसे बड़े टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालयों में एक है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में शानदार योगदान दे रहा है, इसीलिए क्यूएस वर्ल्ड तथा एऩआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष संस्थानों में इसकी गिनती है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के लिए सीखने की सही मनोवृत्ति विकसित करने में टेक्नोलॉजिकल प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में विकसित वैज्ञानिक भाव इस विश्वविद्यालय की परियोजनाओं और उपलब्धियों में अच्छी तरह अभिव्यक्त किया गया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अन्ना विश्वविद्यालय इसरो के सहयोग से एक सेटेलाइट की डिजायन, विकास और संचालन करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि एएनयूसैट सेटेलाइट केवल उपलब्धि ही नहीं, बल्कि विश्व के युवा मस्तिष्क के लिए प्रेरणा भी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान वह आधार स्तंभ है, जिसके आधार पर प्रत्येक व्यक्ति का चरित्र बनता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षित युवा सही निर्देश मिलने पर इतिहास चक्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 यही हासिल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य अनुसंधान, कौशल और वर्तमान आवश्यकताओं की प्रासंगिक कुशाग्रता पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली को लागू करना है, साथ-साथ यह नीति अपने दायरे में हमारी संपन्न सांस्कृतिक विरासत को भविष्य के परिदृश्य के साथ शामिल करेगी, इसका फोकस नैतिक मूल्य अपनाना और भारतीय संस्कृति की समझ को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे आधुनिक लर्निंग और शिक्षा के युग का सूत्रपात होगा, अनुसंधानकर्ताओं और पेशेवर लोगों का ब्रिगेड तैयार होगा, जो हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं के अनुरूप देश को विकास की महान ऊंचाई पर ले जाएंगे।