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Saturday 13 March 2021 12:20:02 PM
अयोध्या। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के 22वें दीक्षांत समारोह में 579 स्नातक एवं परास्नातक छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान करते हुए कहा है कि दीक्षांत का दिन विद्यार्थियों के लिए अविस्मरणीय होता है, क्योंकि उसके साथ उनके कंधों पर अस्मिता को साबित करने और जीवन में एक मुकाम हासिल करने का दायित्व बोध आ जाता है, विद्यार्थी अब अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए संभावनाओं को तलाशेंगे एवं अपने जीवन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्व-विवेक से अनुभव प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। दीक्षांत समारोह में 6 उपाधि धारकों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 11 उपाधि धारकों को कुलपति स्वर्ण पदक तथा 8 उपाधि धारकों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। कुलाधिपति ने कहा कि छात्राओं का समस्त कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्राप्त करना महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण है।
कुलाधिपति राज्यपाल ने उपाधि धारकों से कहा कि वे कृषि के क्षेत्र में उन्नति लाने के साथ-साथ राष्ट्र के विकास हेतु संकल्पबद्ध होकर कार्य करें। कुलाधिपति ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के प्रांगण में रहकर विद्यार्थियों ने जो ज्ञान अर्जित किया है, उसे किसानों के खेतों तक पहुंचाएंगे और कृषि जगत में एक नई क्रांति को दिशा देंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का ज्ञान जब किसानों को लाभांवित करेगा, तभी उसकी सार्थकता सिद्ध होगी, साथ ही विद्यार्थियों को राष्ट्र के विकास एवं उन्नयन के प्रति भी दृढ़ संकल्प होना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से बचनबद्ध है, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग कृषि क्षेत्र से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि कृषि अधिनियम-2020 ने किसानों के सुनहरे भविष्य की नींव रखी है, तीनों कृषि अधिनियम किसानों की भलाई के लिए उठाए गए सबसे अभूतपूर्व प्रयासों में से एक हैं, जिससे किसानों को हर तरह से बेहतर लाभ मिलेगा।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय शिक्षण एवं शोध कार्यों के साथ शोध उपलब्ध्यिों को किसानों के प्रक्षेत्रों तक पहुंचाने तथा उन्हें प्रेरित कर अपनाने का दायित्व भी निभाते हैं, अतः विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को कृषि संबंधी शिक्षा के साथ उनसे रूरल एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियेंस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण कृषिकार्य अनिवार्य रूपसे कराया जाए, जिससे वे प्रायोगिक रूपसे कृषिकार्य के साथ ग्रामीणों के बीच रहकर उनकी जीवनशैली का भी अध्ययन कर सकें तथा किसानों से कृषि की जानकारी भी प्राप्त कर सकें। कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार प्रायोगिक कृषिशिक्षा पर जोर दे रही है, ताकि कृषि स्नातक किसानों की आय दोगुनी करने में अपना वांछित योगदान कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक कृषि शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिए, इसके लिए छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों से स्वावलंबी बनाने हेतु प्रशिक्षित किया जाए, इससे छात्र शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी लेने वाले न बनकर नौकरी देने का भी काम कर सकेंगे।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत बीस कृषि नए विज्ञान केंद्रों में से आठ कृषि विज्ञान केंद्रों का इस विश्वविद्यालय के लिए स्वीकृत होना गर्व की बात है, अब यहां कुल पच्चीस कृषि विज्ञान केंद्र हो गए हैं। उन्होंने नरेंद्र उद्यान में मौलश्री का पौधा रोपित किया तथा विश्वविद्यालय से एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट में पठन-पाठन का शुभारम्भ भी किया। कुलाधिपति ने परिषदीय स्कूल के बच्चों को स्कूल बैग, ज्ञानवर्धक पुस्तकें, फल-फूल, पौष्टिक आहार भेंट किए तथा पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आए प्रगतिशील किसानों को अंग वस्त्र आदि पहनाकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डॉ राकेश चंद्र अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि एवं प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह, कुलसचिव डॉ पीके सिंह, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।