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Tuesday 16 March 2021 06:40:39 PM
बीकानेर (राजस्थान)। भारतीय सेना में सबसे अधिक सेवा देने वाली तोपखाना प्रणालियों में से दो-130 एमएम स्व-चालित एम-46 प्रक्षेपक तोप तथा 160 एमएम टैम्पेल्ला मोर्टारों को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुए भव्य समारोह में रस्मीतौर पर अंतिम रूपसे तोप दागी गईं और उन्हें सेवा से मुक्त किया गया। समारोह में महानिदेशक तोपखाना लेफ्टिनेंट जनरल के रवि प्रसाद और सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। गौरतलब है कि 130 एमएम प्रक्षेपक तोप की रेंज 27 किलोमीटर से अधिक है और यह दो वर्तमान हथियार प्रणालियों-विजयंत टैंकों तथा 130 एमएम एम-46 तोपों का सफल विलय था। यह संकर प्लेटफॉर्म मोबाइल आर्टिलरी गन प्रणाली की जरूरत के लिए था, ताकि 1965 तथा 1971 के युद्धों के बाद पश्चिमी सीमाओं पर स्ट्राइक फॉरमेशनों की सहायता की जा सके।
एम-46 व 160 एमएम तोपें सेना में 1981 में शामिल की गई थीं और अनेक कार्रवाईयों के दौरान इन्हें सफलतापूर्वक तैनात किया गया। एमएम टैम्पेल्ला मोर्टार की रेंज 9.6 किलोमीटर है और इसे चीन के साथ 1962 की लड़ाई के बाद शामिल किया गया था, ताकि उत्तरी सीमाओं के ऊंचे शिखर को निर्बाध करने के लिए हथियार प्रणाली की आवश्यकता पूरी की जा सके। मूल रूपसे इजराइल के रक्षाबलों से आयातित यह मोर्टार लीपा घाटी तथा हाजीपीर कटोरा में नियंत्रण रेखा पर सफलता पूर्वक तैनात किया गया और इसने नियंत्रण रेखा की पवित्रता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। मोर्टार ने 1991 के करगिल युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये हथियार प्रणालियां 60 वर्ष से भारतीय सेना में हैं और अब इन्हें सेवामुक्त करके नवीनतम टेक्नोलॉजी वाले नए उपकरण शामिल किए जा रहे हैं।