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दांडी पदयात्रा का रंगारंग समापन

'दांडी नमक मार्च स्वतंत्रता संग्राम में स्मरणार्थ'

गुजरात में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 April 2021 01:27:39 PM

dandi padyatra colorful finale

अहमदाबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह मेमोरियल दांडी गुजरात में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के उपलक्ष्य में 25 दिन तक चले स्मारक दांडी पदयात्रा के रंगारंग समापन समारोह में भाग लिया। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि गांधीजी का दांडी नमक मार्च हमारे स्वतंत्रता संग्राम में स्मरणार्थ है, इसने इतिहास के कालखंड को बदल दिया था। उन्होंने कहा कि हम प्रतीकात्मक रूपसे फिरसे देख रहे हैं कि दांडी मार्च चुनौतियों के साथ हमारे राष्ट्र की एकजुटता की क्षमता को प्रदर्शित कर रहा है। यह समारोह केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और गुजरात सरकार ने आयोजित किया था। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, सीआर पाटिल, संसद सदस्य आईवी सुब्बाराव, उपराष्ट्रपति के सचिव, साबरमती आश्रम ट्रस्ट के न्यासी सुदर्शन अयंगर भी आयोजन में शामिल हुए।
उपराष्ट्रपति ने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेने को कहा, जिन्होंने हमेशा अपने विरोधियों के लिए भी विनम्र और सम्मानजनक भाषा का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी का अहिंसा का सिद्धांत केवल शारीरिक हिंसा तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसने अहिंसा को शब्दों और विचारों में भी बदल दिया था। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उत्सव के रूपमें आज़ादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती आश्रम से आरम्भ किया था। यह उत्सव भारत में 75 वर्ष में तेजी से प्राप्त सफलता का जश्न मना रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह उत्सव हमें अपनी छिपी हुई शक्तियों को फिरसे प्रदर्शित के लिए प्रोत्साहित करता है और हमें विभिन्न राष्ट्रों की मंडली में अपना स्थान हासिल करने के लिए ईमानदार और सहयोगात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।
संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि 91 साल पहले महात्मा गांधी ने देश की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान को जागृत करने के लिए यह यात्रा शुरू की थी और अब 91 साल बाद 12 मार्च को शुरू हुई प्रतीकात्मक दांडी यात्रा हमारी आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की यात्रा के पुनरुद्धार का प्रतीक है, हालांकि यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती है, बल्कि यह आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक यात्रा को दोहराने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को यह बताना है कि हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता कैसे हासिल की। उन्होंने 7 मंत्रियों, 11 विधायकों और 121 लोगों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस यात्रा में उनका साथ दिया। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह अमृत महोत्सव में सामूहिक भागीदारी के माध्यम से जन महोत्सव बनाए। उन्होंने कहा कि यह देश की आजादी के 75 साल के त्यौहार को मनाने का वास्तविक तरीका है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक प्लेटफॉर्म पर पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन ने हमारे देश की ताकत को और बढ़ाया है, जो हमने दुनिया के कई देशों को प्रदान की है। उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत जल्द हमारा राष्ट्र विश्वगुरु के रूपमें दुनिया का नेतृत्व करेगा। इससे पहले दिन में उपराष्ट्रपति ने प्रार्थना मंदिर में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और मार्च पास्ट में भाग लेने वाले पैदल सैनिकों के साथ बातचीत की। उन्होंने सैफी विला का भी दौरा किया, जहां गांधीजी ने 4 अप्रैल 1930 की रात को विश्राम किया था, इसके बाद राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक का दौरा किया, यह एक ऐसा स्मारक है, जो नमक सत्याग्रह के कार्यकर्ताओं और प्रतिभागियों का सम्मान करता है। कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने गुजरात राज्य हस्तशिल्प विकास निगम के भौगोलिक संकेत उत्पाद पर विशेष लिफाफे भी जारी किए। उन्होंने सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गुजरात के लोक कलाकारों के सांस्कृतिक प्रदर्शन का भी अवलोकन किया।

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