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Sunday 13 June 2021 10:30:01 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस को एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में अवैध शस्त्रों की फैक्ट्री संचालित करने और उत्तर प्रदेश में उनका व्यापार करने वाले गिरोह के 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता मिली है। प्रतापगढ़ में अवैध शस्त्रों के निर्माण और बिक्री के ये अपराधी बिहार के मुंगेर से कारीगरों को बुलाकर अवैध शस्त्रों का निर्माण और समूचे उत्तर प्रदेश में इन शस्त्रों और कारतूसों की सप्लाई करते थे। प्रारंभिक तौर पर फिलहाल इनसे इतना ही पता चला है। ये लोग उत्तर प्रदेश में कहां-कहां असलहे एवं कारतूस सप्लाई करते थे, प्रतापगढ़ या उत्तर प्रदेश में इनके सहयोगी कौन-कौन हैं, इनके व्यापार के तार और किन-किन प्रदेश में जुड़े हैं, अभी तक इन्होंने किसे या किन्हें असलहे और कारतूस बेचे हैं, कारतूसों का प्रबंध कहां से और किसकी सहायता से करते हैं, एटीएस इनसे पूछताछ कर रही है।
एटीएस उत्तर प्रदेश को सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं कि जनपद प्रतापगढ़ में अवैध असलहों एवं कारतूसों का एक बहुत बड़ा अंतर्राज्यीय गिरोह काम कर रहा है, जो बिहार के मुंगेर से कारीगरों को बुलाकर यहीं पर अवैध असलहे बनाते हैं और उत्तर प्रदेश में बेचते हैं। इस सूचना को विकसित करने के उपरांत एटीएस उत्तर प्रदेश और प्रतापगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें आज अवैध असलहे बनाने एवं कारतूसों का व्यापार करने वाले इस अंतर्राज्यीय गिरोह को जनपद प्रतापगढ़ में थाना लालगंज के ग्राम असरही से गिरफ्तार कर लिया गया। इनसे भारी संख्या में निर्मित और निर्माणाधीन रिवाल्वर कारतूस बरामद हुए हैं एवं साथ ही निर्माण मशीन, लैथ मशीन, लोहा गलाने वाली भट्टियों और कलपुर्जों का सारा नेटवर्क मिला है।
एटीएस के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बंध में थाना लालगंज में अभियोग पंजीकृत करके गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय से रिमांड पर लेने जा रही है। इनके नाम और पते इस प्रकार हैं-शायल आलम उर्फ़ छोटू पुत्र पच्चू आलम निवासी कासिम बाज़ार मुंगेर बिहार। मोहम्मद सरफ़राज़ आलम पुत्र मोहम्मद असलम और मोहम्मद आज़ाद पुत्र नूर मुहम्मद निवासी हजरतगंज बारा मुंगेर बिहार। तिरुपतिनाथ वर्मा उर्फ़ गुड्डू गांधी पुत्र ओमप्रकाश निवासी रेती चौक, थाना-राजगढ़ जनपद-गोरखपुर। स्वालीन अंसारी उर्फ़ बबलू पुत्र पहलवान और अखलीन अंसारी पुत्र स्वालीन अंसारी निवासी ग्राम-असरही थाना-लालगंज जनपद-प्रतापगढ़। गौर करने वाली बात है कि असरही गांव में इतना बड़ा अवैध शस्त्र कारखाना कोई एक रात में स्थापित नहीं हुआ होगा और इसकी स्थानीय पुलिस को पहले से जरूर जानकारी एवं संलिप्तता होगी और लेनदेन के झगड़े में यह भांडाफोड़ हुआ। इस मामले की जांच का यह एक गंभीर पक्ष भी है, जिसपर प्रतापगढ़ पुलिस चुप्पी मारे हुए है।